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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को स्वीकार कर लिया है। सीबीआई ने कहा था कि इन नेताओं के खिलाफ बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश का आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत अन्य 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब लखनऊ कोर्ट में रोजाना सुनवाई होगी। SC ने दो साल के भीतर ट्रायल खत्म करने के लिए कहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को केस से बाहर कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की सदस्यता वाली बेंच ने आपराधिक साजिश के मामले को बहाल करते ने कहा है कि लखनऊ की कोर्ट में जो जज सुनवाई करेंगे, उनका दो साल तक ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि चार सप्ताह के भीतर केस को रायबरेली से लखनऊ ट्रांसफर किया जाए।
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न्यायालय के इस फैसले से कल्याण सिंह तथा उमा भारती पर पद से इस्तीफे की तलवार लटक गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भाजपा तथा सरकार किसी भी नेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी। उन्होंने कहा, "यह मामला सन् 1993 से ही चल रहा है। आज नए हालात पैदा नहीं हुए हैं।"
आडवाणी, जोशी, उमा भारती, विनय कटियार (भाजपा), साध्वी ऋतंभरा, आचार्य गिरिराज किशोर, अशोक सिंघल और विष्णु हरि डालमिया (विहिप) पर छह दिसंबर, 1992 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद गिराए जाने से पहले रामकथा कुंज में एक मंच से भाषण देने को लेकर मुकदमा चल रहा है।
शीर्ष न्यायालय ने आडवाणी और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश के मामले को हटाने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मई 2010 के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया।
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इससे पहले छह अप्रैल को पीठ ने भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ सदस्यों के खिलाफ आपराधिक साजिश के मामले को बहाल करने की सीबीआई और अन्य याचिकाकर्ताओं की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
शीर्ष न्यायालय ने छह अप्रैल को आदेश सुरक्षित रखने से पहले कहा था कि जहां तक आपराधिक साजिश के मामले का सवाल है, अदालत संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत असाधारण शक्तियों का प्रयोग कर सकती है और मामले को रायबरेली से लखनऊ स्थानांतरित कर सकती है, ताकि आडवाणी और जोशी समेत 13 अन्य लोगों पर आपराधिक साजिश का मामला चलाया जा सके।
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हालांकि आडवाणी और जोशी दोनों ने इसका विरोध करते हुए दलील दी थी कि अदालत संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत असाधारण शक्तियों का प्रयोग करके अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का हनन नहीं कर सकती।
जिस पर पीठ ने कहा था, "अनुच्छेद 21 के कई पहलू हैं। फिर पीड़ितों के अधिकार के मामले में अनुच्छेद 21 का क्या होगा।"
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के कुछ घंटों बाद मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी ने एक बैठक भी की। इस बैठक में दोनों ने फैसले के बाद के हालात पर चर्चा की।
इस मामले में एक आरोपी गिरिराज किशोर और अशोक सिंघल का निधन हो चुका है।
फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अध्यक्षता में बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक भी हुई जिसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उपजी परिस्थिति पर चर्चा की गई।
विपक्ष ने क्या कहा-
कांग्रेस ने त्वरित सुनवाई की मांग की है, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने उमा भारती तथा कल्याण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने आईएएनएस से कहा, "कानून अपना काम करेगा। हम उम्मीद करते हैं कि मामले की त्वरित सुनवाई होगी और दोषी दंडित होंगे और सजा भुगतेंगे।"
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झा ने कहा, "यह सर्वविदित तथ्य है कि बाबरी विध्वंस एक सहज प्रतिक्रिया का परिणाम था, यह बात गलत साबित हो चुकी है और यह एक राजनीतिक साजिश थी।"
सीपीएम ने कहा कि उमा भारती तथा कल्याण सिंह को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। आईयूएमएल ने कहा कि कल्याण सिंह को तकनीकी पेच का सहारा नहीं लेना चाहिए और उमा भारती को भी इस्तीफा दे देना चाहिए।
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि आडवाणी का भारत का राष्ट्रपति बनने का सपना मिट्टी में मिल गया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मामले में मोड़ लाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "आडवाणी अब राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो चुके हैं।" उन्होंने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में आडवाणी बलि का बकरा बन गए।
उमा भारती ने इस्तीफा देने से किया इनकार
उमा भारती ने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कहा कि साजिश रचने के आरोप अभी तक साबित नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि मस्जिद का ढांचा गिराने के पीछे कोई साजिश नहीं थी।
उन्होंने कहा कि जो भी हुआ था वो खुल्लम-खुल्ला हुआ था। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बन कर रहेगा और इसे कोई रोक नहीं सकता है।
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आईएनएस इनपुट के साथ
Source : News Nation Bureau