एक बार फिर सपा नेता और रामपुर से सांसद आजम खान अपने बयानों की वजह से चर्चा में आ गए है. मदरसों को लेकर मोदी सरकार के फैसला के बाद आजम खान ने सरकार और आरएसएस पर जोरदार हमला किया है. उन्होंने कहा मदरसों में नाथूराम गोडसे जैसे विचारधारा या प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोग नहीं बनाते है. वहीं मदरसों में धार्मिक के साथ ही बच्चों को आधुनिक शिक्षा भी दी जाती है इसलिए सरकार पहले मदरसों को मूलभूत सुविधाएं जैसी चीज उपलब्ध कराएं.
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आजम खान ने अपना बयान जारी करते हुए कहा, 'मदरसों में धार्मिक शिक्षा दी जाती है इसी के साथ यहां अंग्रेजी, हिंदी और गणित भी पढ़ाया जाता है. मदरसों में हमेशा से यही शिक्षा दी जाती रही है. यदि आप (सरकार) कोई मदद करना चाहती है तो पहले मदरसे की स्थिति को ठीक कीजिए. मदरसे की बिल्डिंग का निर्माण कराए और उन्हें फर्नीचर, मिड डे मील जैसी सुविधा मुहैया कराएं.'
इसके साथ खान ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, 'मदरसे में नाथूराम गोडसे के विचार वाले या प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोग नहीं बनाते हैं. सबसे पहले इसकी घोषणा करें कि नाथूराम गोडसे के विचारों को फैलाने वाले को लोकतंत्र का दुश्मन घोषित किया जाएगा. साथ ही आतंकी गतिविधियों के लिए दोषी करार वालों को पुरुसकृत नहीं किया जाएगा.'
बता दें कि दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता संभालने के कुछ दिनों बाद, मोदी सरकार ने 'मदरसा' शिक्षा को आधुनिक बनाने और इसे औपचारिक शिक्षा के साथ जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया हैं.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को ऐलान किया कि अगले महीने मुसलमानों के ऐसे अनौपचारिक संस्थानों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के साथ यह कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.
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उन्होंने ये भी कहा कि सरकार इस योजना पर भी काम कर रही है कि मदरसों से बाहर निकलने वाले छात्र जामिया मिलिया इस्लामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों से औपचारिक शिक्षा प्राप्त करें.
मदरसा एक ऐसा अनौपचारिक शिक्षा संस्थान होता है, जहां प्राय: इस्लामिक अध्ययन पर जोर दिया जाता है. कुछ अनुमान के अनुसार, देशभर में ऐसे लाखों संस्थान फैले हुए हैं. मदरसा शिक्षा का आधुनिकीकरण करने की योजना को विस्तार से बताते हुए नकवी ने कहा कि पहला कदम यह है कि मदरसों के शिक्षकों को औपचारिक शिक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
Source : News Nation Bureau