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कोलकाता के दुर्गा पूजा पंडाल में सुनाई जा रही है अजान.( Photo Credit : एजेंसी)
पश्चिम बंगाल में नवरात्रि पर तुष्टीकरण की राजनीति एक बार फिर सामने आई है. एक दुर्गापूजा पंडाल में अजान की रिकॉर्डिंग बजने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर जहां इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है, वहीं एक वकील शांतनु सिन्हा ने इसे पूरी तरह से राजनीतिक मामला बताते हुए केस दर्ज कराया है. सोशल मीडिया पर चल रही बहस में दुर्गा पूजा पंडाल में अजान पर सबसे ज्यादा हाय-तौबा मच रही है. अजान के विरोध में लोग कह रहे हैं कि यदि मस्जिद में गीता का सस्वर पाठ हो तो कैसा रहेगा?
West Bengal: Kolkata's Beliaghata 33 Pally #Durga puja pandal promotes the message of communal harmony pic.twitter.com/yXWj2u4Z73
— ANI (@ANI) October 7, 2019
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आयोजकों ने इसे धार्मिक सद्भाव बताया
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोलकाता के बेलीघाटा 33 पल्ली दुर्गापूजा पंडाल में यह अजान बजते सुना गया. हालांकि आयोजकों का तर्क है कि धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए ही दुर्गापूजा पंडाल में मंदिर, मस्जिद और चर्च तीनों को शामिल करने की कोशिश की गई है. इसी के तहत अजान के साथ-साथ मंत्रोच्चार और चर्च की घंटी के आवाज को भी शामिल किया गया.
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कुछ ने इसे राजनीतिक कदम बताया
उधर, वकील शांतनु सिंघा ने कहा, 'कोई भी मुस्लिम हर 5 मिनट में 'अजान' की आवाज को लेकर उसकी सराहना नहीं करेगा. यह पूरी तरह से राजनीतिक है' उन्होंने आगे कहा, मुझे बताइए कि पूजा पंडाल में अजान से सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने में कैसे मदद मिलेगा? मैंने एक व्यक्ति के रूप में यह शिकायत दर्ज की है. अगर मस्जिद से गीता का पाठ किया जाता है तो मुझे दुख होगा. इसी तरह मुझे दुर्गा पूजा पंडाल में अजान से दुख है.
HIGHLIGHTS
- कोलकाता के बेलीघाटा 33 पल्ली दुर्गापूजा पंडाल में अजान बजने का मामला.
- आयोजकों ने इसे धार्मिक सद्भाव बढ़ाने वाला कदम बताया.
- वहीं एक वकील ने इसके खिलाफ मामला दर्ज कराया.