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सिर्फ इन 10 प्वांइट्स में जानें रामलला ने कैसे जीता अपने जन्म स्थान का केस

अंततः देश में लंबे समय से राजनीति का केंद्र रहे अयोध्या मसले (Ayodhya Case) को लेकर जो फैसला सुनाया है, उससे अयोध्या की अब तक विवादित रही जमीन हिंदू पक्षकारों को दे दी है.

Updated on: 09 Nov 2019, 12:53 PM

नई दिल्ली:

अंततः देश में लंबे समय से राजनीति का केंद्र रहे अयोध्या मसले (Ayodhya Case) को लेकर जो फैसला सुनाया है, उससे अयोध्या की अब तक विवादित रही जमीन हिंदू पक्षकारों को दे दी है. इस फैसले से पहले पूरे देश में हाई अलर्ट था. उत्तर प्रदेश के कई संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद रखी गईं. फैसले को देखा जाए तो अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने मुस्लिम पक्ष को भी अयोध्या में ही महत्वपूर्ण स्थान पर 5 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए देने का भी निर्देश दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े को बस एक प्रबंधक माना लेकिन पक्षकार के रूप में खारिज कर दिया. आइए जानते हैं उन 10 प्वांइट्स के बारे में जिनसे राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हुआ.

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित नहीं कर पाया.
  • ASI की खुदाई में गैर इस्लामिक ढांचे के सबूत मिले हैं. जिससे यह तय होता है कि मस्जिद के नीचे पहले से एक निर्माण था.
  • ऐतिहासिक यात्रियों ने भी राम जन्मभूमि का जिक्र किया.
  • अंग्रेजों के आने से पहले ही पूजा के सबूत मिलते रहे हैं.
  • मुस्लिम पक्ष ने भी अयोध्या में राम के जन्म के दावे या आस्था का विरोध नहीं किया.
  • मुस्लिम पक्ष साबित नहीं कर पाया कि बाबरी मस्जिद से पहले विवादित जमीन उनकी थी.
  • राम चबूतरा, सीता रसोई पर पूजा के सबूत मिले हैं.
  • बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी.
  • पुरातात्विक सबूतों की अनदेखी नहीं की जा सकती है.
  • इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि मस्जिद के भीतर मुस्लिम नमाज पढ़ते थे, बाहर हिंदू पूजा करते थे.