धर्मसभा में वीएचपी का ऐलान, राम मंदिर के अलावा किसी और को एक इंच भी नहीं देंगे जमीन

विहिप नेता ने कहा, 'कुछ बुद्धिमान लोग सोचते हैं कि पूरा मामला 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद शुरू हुआ.वे अज्ञानी हैं, मामला 490 वर्ष पुराना है.'

विहिप नेता ने कहा, 'कुछ बुद्धिमान लोग सोचते हैं कि पूरा मामला 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद शुरू हुआ.वे अज्ञानी हैं, मामला 490 वर्ष पुराना है.'

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Vineeta Mandal
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धर्मसभा में वीएचपी का ऐलान, राम मंदिर के अलावा किसी और को एक इंच भी नहीं देंगे जमीन

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने रविवार को कहा कि वे राम मंदिर के सिवाय किसी और चीज के लिए एक इंच भी जमीन नहीं देंगे और इसके साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड से इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश के तहत विवादास्पद जमीन के बंटवारे को लेकर दर्ज मामले को वापस लेने की मांग की. दक्षिणपंथी संगठन के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने यहां अयोध्या में जमा बड़ी संख्या में एकत्रित समर्थकों से यह बात कही.

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चंपत राय ने कहा, '75,000 लोगों के समक्ष कहा, 'हमें जमीन का बंटवारा स्वीकार नहीं है और हम भगवान राम के लिए पूरी जमीन चाहते हैं.'

उन्होंने यह भी कहा कि हिदू विवादास्पद जमीन के किसी भी टुकड़े पर 'नमाज' अता करने को स्वीकार नहीं करेगा.

राय ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी को भी हिंदू समुदाय के धर्य का परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे लोग बीते 490 वर्षो से इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं.

वीएचपी नेता ने कहा, 'कुछ बुद्धिमान लोग सोचते हैं कि पूरा मामला 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद शुरू हुआ.वे अज्ञानी हैं, मामला 490 वर्ष पुराना है.'

राय ने कहा कि राममंदिर के निर्माण के लिए यह इस तरह की अंतिम सभा है और संगठन अब अगला कदम अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए उठाएगा.

उन्होंने कहा कि पच्चीस साल के अंतराल के बाद धर्म सभा इसलिए बुलाई गई क्योंकि कुछ बुद्धिजीवी सोचते हैं कि छह दिसंबर 1992 के बाद इस मामले में पर्दा गिर गया. लेकिन, आग बुझी नहीं है. यह हमारे दिलों में धधक रही है.

वीएचपी नेता ने मुस्लिम पक्षकारों से सुप्रीम कोर्ट से मामले को वापस लेने की मांग की ताकि राम मंदिर के जल्द निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सके.

एक अन्य प्रमुख संत स्वामी भद्राचार्य ने कहा कि राम मंदिर के संबंध में संत समुदाय के भविष्य योजनाओं की घोषणा 11 दिसंबर के बाद की जाएगी.

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इससे पहले, हजारों विहिप कार्यकर्ता और उनके समर्थक 'धर्मसभा' स्थल के पास एकत्रित हो गए और स्थानीय मुस्लिमों ने उन पर फूल बरसाए.

मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने पहले अयोध्या में बढ़ती भीड़ को लेकर डर जताया था, लेकिन बाद में उन्होंने 'अच्छी व्यवस्था' के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का शुक्रिया अदा किया.

Source : IANS

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