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Ayodhya Verdict : सुन्नी वक्फ बोर्ड का फैसला, नहीं दायर होगी रिव्यू पिटीशन

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए.

Updated on: 09 Nov 2019, 04:38 PM

लखनऊ:

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा इस मामले में रिव्यू पिटीशन फाइल नहीं की जाएगी. अगर कोई अन्य इस मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल करता है तो उसका संबंध वक्फ से नहीं है.

5 एकड़ जमीन पर अभी कोई फैसला नहीं
जफर फारुकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन दिए जाने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. ओवैसी के बयान पर उन्होंने कहा कि मस्जिद के लिए जमीन ली जाएगी या नहीं यह वक्फ का फैसला होगा. ओवैसी बोर्ड के सदस्य नहीं है. इसलिए उनके बयान का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार से कोई वार्ता होगी तो हम बात करेंगे.

यह कहा सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में

सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में कहा, संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेष अधिकार का इस्तेमाल करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुस्लिम समाज के साथ जो ग़लत हुआ है, उसका सुधार होनी चाहिए. इस मामले में इंसाफ नहीं होगा अगर मुस्लिम पक्ष को नजरअंदाज कर दिया गया, जिनको एक पंथनिरपेक्ष देश में गलत तरीके से मस्जिद से बेदखल किया गया. सबसे पहले 22-23 दिसंबर 1949 को मूर्तियां रखे जाने पर मस्जिद को अपवित्र किया गया. फिर 1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस के साथ ही खत्म कर दिया गया. लिहाजा अदालत को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियों को इस्तेमाल करते हुए इसे भी ध्यान रखना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अनुच्छेद 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मुस्लिम पक्ष को ज़मीन दे रहे हैं. सरकार ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को भी उपयुक्त प्रतिनिधित्व देने पर विचार करे.