Ayodhya Verdict: अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद JNU में छात्रों ने किया विरोध-प्रदर्शन

अयोध्या विवाद मामले में 70 सालों से चली कानूनी लड़ाई के बाद आखिर सुप्रीम कोर्ट ने 10 नवंबर को अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. फैसला विवादित जमीन पर रामलला के हक में सुनाया गया.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
JNU Students

JNU( Photo Credit : (फाइल फोटो))

अयोध्या विवाद मामले में 70 सालों से चली कानूनी लड़ाई के बाद आखिर सुप्रीम कोर्ट ने 10 नवंबर को अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. फैसला विवादित जमीन पर रामलला के हक में सुनाया गया. फैसले में कहा गया कि राम मंदिर विवादित स्थल पर बनेगा और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन अलग से दी जाएगी. कोर्ट का सम्मान करते हुए हर समुदाय ने फैसले का स्वागत किया. लेकिन कुछ लोगों को वहां राम मंदिर बनाने का फैसला रास नहीं आया.

Advertisment

ये भी पढ़ें: राम की हो गई अयोध्‍या, 39 प्‍वाइंट में जानें कब किस मोड़ पर पहुंचा मामला और कैसे खत्‍म हुआ वनवास

दरअसल, शनिवार को कोर्ट के फैसले के बाद जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने यूनिवर्सिटी के अंदर मौजूद साबरमती ढाबा के पास विरोध प्रदर्शन किया. इस मुद्दें पर छात्रों का कहना है कि हमारे पास सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय की कॉपी है. हमने अदालत के इस निर्णय को पढ़ा है और इसके कुछ गंभीर पहलुओं पर बात भी की है.

उन्होंने ये भी कहा कि इस जजमेंट को पढ़ने के बाद हम हैरान हैं कि न्यायपालिका ने हमें कई पहलुओं पर गलत साबित किया है. फैसले का विरोध कर रहे स्टूडेंट्स ने यहां एक सभा की, जिसमें उन्होंने कहा कि वे अयोध्या मामले के फैसले को वो सही नहीं मानते.

और पढ़ें: मुहूर्त देखकर 2020 से शुरू होगा भव्य राम मंदिर का निर्माण, लग सकते हैं 5 साल

वहीं दूसरी तरफ एबीवीपी (ABVP) के स्टूडेंट्स पहुंचे और उन्होंने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए यूनिवर्सिटी परिसर में दीप जलाए. साथ ही, 'मंदिर वहीं बनाएंगे' के नारे लगाए. अब तक यूनिवर्सिटी में किसी तरतह के कोई हंगामे की खबर नहीं है.

बता दें कि कोर्ट ने अयोध्या पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि विवादित 02.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन रहेगी. केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है. राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया, लेकिन साथ ही कहा कि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में जगह दी जाएगी.

Portest Supreme Court ram-mandir JNU JNU Students Ayodhya Ayodhya Verdict
      
Advertisment