भारत नवंबर 2025 में दृष्टिहीन महिलाओं के टी20 क्रिकेट विश्व कप की करेगा मेजबानी
राजा रघुवंशी हत्याकांड : इंदौर में परिजनों और शहरवासियों ने निकाला कैंडल मार्च, आरोपियों को फांसी देने की मांग
भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर यूरोप में अपना अपराजेय अभियान जारी रखा
अहमदाबाद विमान हादसा : मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्व सीएम विजय रूपाणी के परिवार से फोन पर की बात
टीएमसी के शहीद दिवस कार्यक्रम में केवल ममता बनर्जी की तस्वीरों का उपयोग करने का निर्देश
जब भूटान बना दुनिया का पहला तंबाकू-मुक्त देश, जानें ऐतिहासिक प्रतिबंध की पूरी कहानी
यूपी: फल-सब्जी विक्रेता बनकर ऑनलाइन 50 लाख की ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार
इजरायल के समर्थन में आए ये 15 मुस्लिम देश! परमाणु तबाही
मुख्यमंत्री मोहन यादव 16 जून को 'लाडली बहना योजना' की 25वीं किस्त जारी करेंगे

Ayodhya Verdict : सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संघ का बड़ा बयान, अब RSS नहीं करेगा आंदोलन

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या मामले में सभी पक्षों की कोशिशों का स्वागत है. संघ अब किसी अन्य आंदोलन के साथ नहीं जुड़ेगा

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या मामले में सभी पक्षों की कोशिशों का स्वागत है. संघ अब किसी अन्य आंदोलन के साथ नहीं जुड़ेगा

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
Ayodhya Verdict : सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संघ का बड़ा बयान, अब RSS नहीं करेगा आंदोलन

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत( Photo Credit : फाइल फोटो)

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सभी पक्षों की कोशिशों का स्वागत है. मोहन भागवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय दिया है. इस फैसले का सभी पक्षों को स्वागत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब यह साफ है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा. संघ राम मंदिर के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगा. 

Advertisment

संघ अब किसी अन्य आंदोलन के साथ नहीं जुड़ेगा

मोहन भागवत ने कहा कि संघ का काम राष्ट्र निर्माण का रहा है और संघ द्वारा आगे भी इसी काम को किया जाएगा. मथुरा और काशी मामलों पर उन्होंने कहा कि संघ अब किसी आंदोलन के साथ नहीं जुड़ेगा. संघ का काम आंदोलन करना नहीं है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हर भारतवासी का सपना था. आज उस सपने के पूरा होने की आस जगी है. जल्द ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा. 

यह भी पढ़ेंः Ayodhya Verdict : अयोध्या फैसले पर प्रधानमंत्री मोदी ने कही ये बड़ी बात

गौरतलब है कि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने देश में लंबे समय से राजनीति का केंद्र रहे अयोध्या मसले को लेकर अपना फैसला सुनाया. अयोध्या की अब तक विवादित रही जमीन हिंदू पक्षकारों को दे दी है. इस तरह से अगर देखा जाए तो अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने मुस्लिम पक्ष को भी अयोध्या में ही महत्वपूर्ण स्थान पर 5 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए देने का भी निर्देश दे दिया.

यह भी पढ़ेंः Ayodhya Verdict : अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का क्या आदेश, यहां देखें पूरा फैसला

हिंदू अंग्रेजों के जमाने से पहले करते आ रहे थे पूजा
इसके पहले सुबह फैसला सुनाते हुए सर्वोच्च अदालत ने यह भी माना कि इस बात के सबूत मिले हैं कि हिंदू बाहर पूजा-अर्चना करते थे, तो मुस्लिम भी अंदर नमाज अदा करते थे. इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया कि 1857 से पहले ही पूजा होती थी. हालांकि सर्वोच्च अदालत ने यह भी माना कि 1949 को मूर्ति रखना और ढांचे को गिराया जाना कानूनन सही नहीं था. संभवतः इसीलिए सर्वोच्च अदालत ने मुसलमानों के लिए वैकल्पिक जमीन दिए जाने की व्यवस्था भी की है.

यह भी पढ़ेंः Ayodhya Verdict : सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम धर्म गुरु फिरंगी महली ने दिया ये बयान

राम के अस्तित्व को स्वीकारा
राम में आस्था रखने वालों के विश्वास और आस्था की पुष्टि भी सुप्रीम कोर्ट ने की है. सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान को कानूनी वैधता प्रदान कर एक तरह से यह भी स्वीकार किया कि अयोध्या ही श्री राम की जन्मस्थली है. राम लला विराजमान खुद अयोध्या विवाद मामले में पक्षकार हैं. राम जन्मभूमि पर ही राम अवतरित हुए थे. इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने राम चबूतरे और सीता रसोई के अस्तित्व को स्वीकार करते हुए माना कि अंग्रेजों के जमाने से पहले भी हिंदू वहां पूजा करते रहे हैं. हालांकि अदालत ने यह जरूर कहा कि रामजन्मस्थान को लेकर दावा कानूनी वैधता को स्वीकार नहीं किया. एक लिहाज से अदालत ने हिंदू धर्म में स्थान को पवित्र मानकर पूजा और देवता का कोई विशेष आकार को गैर जरूरी ही माना. संभवतः इसी आधार परकानूनी तौर पर जन्म स्थान को भी कानूनी पक्षकार नहीं माना.

एएसआई की रिपोर्ट को भी स्वीकारा
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज नहीं किया. इससे साबित होता है कि मस्जिद को मंदिर के अवशेषों पर बनाया गया था. इसका सीधा अर्थ यह है कि मस्जिद के नीचे मिला ढांचा गैर इस्लामिक है. एएसआई ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि नीचे मिले ढांचे का इस्तेमाल मस्जिद में भी किया गया. रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया था कि खुदाई में जो अवशेष मिले हैं वहां एक विशाल निर्माण था. कई स्तंभ हैं, जो ईसा पूर्व 200 साल पुराने हैं. पिलर पर भगवान की तस्वीर हैं. मूर्ति भी दिखीं. शिला पट्ट पर संस्कृत की लेखनी है जो 12 वीं सदी की हैं. इसमें राजा गोविंद चंद्र का जिक्र है, जिन्होंने साकेत मंडल पर शासन किया था और उसकी राजधानी अयोध्या थी. इससे साबित होता है कि वहां मस्जिद नहीं थी. जमीन का नक्शा और फोटो कोर्ट ने माने.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

Solution To Solve Ayodhya Vedict Mohan Bhagwat News AyodhyaVerdict RSS On Ayodhya Verdict
      
Advertisment