logo-image

Ayodhya Verdict: अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले PM मोदी ने लोगों से की ये अपील

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर शनिवार को उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पहले देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा.

Updated on: 09 Nov 2019, 09:20 AM

दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले (Ayodhya Verdict) पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार रात सिलसिलेवार ट्वीट कर यह अपील की. उच्चतम न्यायालय इस संवेदनशील मामले पर शनिवार सुबह साढ़े दस बजे अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाएगा. न्यायालय की वेबसाइट पर एक नोटिस के माध्यम से शुक्रवार शाम इस बारे में जानकारी दी गई.

ये भी पढ़ें: अयोध्‍या पर फैसला : प्रधान न्‍यायाधीश जस्‍टिस रंजन गोगोई सहित सभी 5 जजों की सुरक्षा बढ़ाई गई

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा. देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे.'

इससे पहले उन्होंने ये भी कहा था, 'अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है. पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था. इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं.'

पीएम ने ये भी कहा, 'देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं. कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है.'

गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में न्यायालय ने 40 दिन तक दलीलें सुनी थीं. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.