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AyodhyaVerdict: सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा अयोध्‍या विवाद, जानें अब तक क्या-क्‍या हुआ

अयोध्या (Ayodhya) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले (Ayodhya Verdict) का ऐलान जल्द होने वाला है.

Updated on: 08 Nov 2019, 09:25 PM

नई दिल्‍ली:

अयोध्या (Ayodhya) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले (Ayodhya Verdict) का ऐलान जल्द होने वाला है.गृहमंत्रालय द्वारा सभी राज्‍यों को अलर्ट भी कर दिया गया है. सोशल मीडिया पर भी प्रशासन नजर रखे हुए है.  30 सितम्बर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने फैसला सुनाया था. फैसले (Ayodhya Verdict) में कहा गया विवादित जमीन निर्मोही अखाड़े, हिंदू महासभा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर बांट दी जाए, लेकिन इस फैसले (Ayodhya Verdict) के खिलाफ हिंदू महासभा और सुन्नी वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गए. आइए जानें हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचे इस विवाद में क्‍या-क्‍या हुआ..

  • 30 सितम्बर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने फैसला सुनाया
  • फैसले (Ayodhya Verdict) में कहा गया विवादित जमीन निर्मोही अखाड़े, हिंदू महासभा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर बांट दी जाए.
  • इलाहबाद हाईकोर्ट के इस फैसले (Ayodhya Verdict) के खिलाफ हिंदू महासभा और सुन्नी वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका लगाई.
  • हाईकोर्ट के फैसले (Ayodhya Verdict) के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड 14 दिसंबर 2010 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचा
  • 22 दिसंबर 2010 को फैसले (Ayodhya Verdict) के खिलाफ हिंदू महासभा भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचा
  • सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 9 मई 2011 को इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी
  • 9 मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अयोध्या (Ayodhya) की विवादित ज़मीन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया
  • हाईकोर्ट के फैसले (Ayodhya Verdict) को विचित्र बताते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि किसी भी पक्ष ने जमीन का बंटवारा नहीं मांगा था.
  • लगभग 7 साल बाद 21 मार्च 2017 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोर्ट के बाहर मध्यस्थता की पेशकश की
  • सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा अगर दोनों पक्ष राजी हो तो वो कोर्ट के बाहर मध्यस्थता करने को तैयार है
  • 11 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 7 साल बाद अयोध्या (Ayodhya) मामले की सुनवाई शुरू हुई
  • 11 अगस्त 2017 को सुनवाई के बाद विवाद से जुड़े दस्तावेज के ट्रांसलेशन तक अगली सुनवाई रोक दी गयी , कोर्ट ने ट्रांसलेशन के लिए 12 हफ्ते का वक्त दिया
  • सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 9 फ़रवरी 2018 को कहा अन्य ज़मीन विवाद की तरह रिकॉर्ड में आए साक्ष्यों के आधार पर ही इस केस का निपटारा किया जाएगा.
  • सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 17 मई 2018 को इस मामले की सुनवाई स्थगित करते हुए गर्मी की छुट्टियों के बाद इसपर सुनवाई करने की बात कही .
  • 6 जुलाई 2018 से फिर सुनवाई शुरू हुई, मुस्लिम पक्षकारों ने मस्जिद में नमाज को जरूरी और अभिन्न अंग बताते हुए 1994 के इस्माइल फारुखी फैसले (Ayodhya Verdict) में मस्जिद को इस्लाम का हिस्सा नहीं मानने के फैसले (Ayodhya Verdict) को पुनर्विचार के लिए संविधान पीठ को भेजने की मांग की
  • 6 जुलाई 2018 को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कहा कि इस्माइल फारूकी केस में की गई टिप्पणियों के कारण उनका केस प्रभावित हो गया जिसके कारण ट्रायल कोर्ट (लखनऊ हाईकोर्ट) ने विवादित स्थल के तीन हिस्से कर दिए.
  • 1994 में इस्माइल फारुकी के मामले में 3-2 के बहुमत से दी गई व्यवस्था में कोर्ट ने कहा था कि नमाज के लिए मस्जिद इस्लाम धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है. मुसलमान कहीं भी नमाज अदा कर सकते हैं.
  • 13 जुलाई 2018 को इस्माइल फ़ारूक़ी मामले पर बहस जारी रही , शिया वक्फ बोर्ड ने मामले को संविधान पीठ में भेजने का विरोध किया.सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने कहा मामले में शिया वक्फ बोर्ड को बोलने का कोई अधिकार नहीं है.
  • 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस पर फैसला सुरक्षित रखा कि संविधान पीठ के 1994 के फैसले (Ayodhya Verdict) पर फिर विचार करने की जरूरत है या नहीं.
  • 27 सितम्बर 2018 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं बताने वाले 1994 के फैसले (Ayodhya Verdict) को पुन: विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से इंकार कर दिया . मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि इस ममाले को बड़ी बेंच के पास नहीं भेजा जाएगा
  • 8 जनवरी 2019 अयोध्या (Ayodhya) मसले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 5 जजों की संवैधानिक पीठ का गठन कर दिया गया. 10 जनवरी से मामले की सुनवाई की तारीख तय की गयी
  • 25 जनवरी 2019 जस्टिस यू-यू ललित के बेंच से अलग होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नई संविधान पीठ का गठन किया . पीठ में दो नए जज शामिल किए गए. जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर को फिर अयोध्या (Ayodhya) मामले की सुनवाई वाली बेंच में शामिल किया गया .
  • 29 जनवरी से सुनवाई की तारीख तय की गयी लेकिन इसके बाद भी सुनवाई टलती रही
  • 6 अगस्त 2019 से लगातार 40 दिनों तक सुनवाई चली और 16 अक्‍टूबर को सुनवाई पूरी हो गयी , अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस मामले में 17 नवंबर से पहले फैसला सुनाएगा

(विभिन्‍न पुस्‍कतकों, समाचार पत्राें और वेब पोर्टलों से ली गई जानकारी पर आधारित)

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