अयोध्या विवाद ( Ayodhya Dispute) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले (AyodhyaVerdict) का ऐलान जल्द होने वाला है. संसद के शीतकालीन सत्र की संभावित तारीख भी सामने आ गई है. 18 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो सकता है. अयोध्या में फैसले (Ayodhya Verdict) से पहले ही शहर भर में चप्पे-चप्पे पर जवानों की तैनाती हो चुकी है. अयोध्या के पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर के विभिन्न कॉलेजों में 8 अस्थायी जेल भी बनाई गई हैं. वहीं देश में गृहमंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को अलर्ट भी कर दिया गया है. सोशल मीडिया पर भी प्रशासन नजर रखे हुए है. इन सबके बीच आइए जानें उन महत्वपूर्ण तारीखों को जब अयोध्या में 'महाभारत' की शुरूआत हुई...
1528 से 1992 तक अयोध्या विवाद
- 1528: अयोध्या में एक ऐसे स्थल पर मस्जिद का निर्माण किया गया जिसे हिंदू भगवान राम का जन्म स्थान मानते हैं. समझा जाता है कि मुग़ल सम्राट बाबर ने ये मस्जिद बनवाई थी जिस कारण इसे विवादित ढांचा के नाम से जाना जाता था.
- 1853: हिंदुओं का आरोप कि भगवान राम के मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण हुआ. इस मुद्दे पर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच पहली हिंसा हुई.
- 1859: ब्रिटिश सरकार ने तारों की एक बाड़ खड़ी करके विवादित भूमि के आंतरिक और बाहरी परिसर में मुस्लिमों और हिंदुओं को अलग-अलग प्रार्थनाओं की इजाजत दे दी.
- 16 जनवरी, 1950: गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद अदालत में एक अपील दायर कर रामलला की पूजा-अर्चना की विशेष इजाजत मांगी. उन्होंने वहां से मूर्ति हटाने पर न्यायिक रोक की भी मांग की.
- 5 दिसम्बर, 1950: महंत परमहंस रामचंद्र दास ने हिंदू प्रार्थनाएं जारी रखने और विवादित ढांचा में राममूर्ति को रखने के लिए मुकदमा दायर किया. मस्जिद को ‘ढांचा’ नाम दिया गया.
- 17 दिसम्बर, 1959: निर्मोही अखाड़ा ने विवादित स्थल हस्तांतरित करने के लिए मुकदमा दायर किया.
- 18 दिसम्बर, 1961: उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने विवादित ढांचा के मालिकाना हक के लिए मुकदमा दायर किया.
- 1984: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने विवादित ढांचा के ताले खोलने और राम जन्मस्थान को स्वतंत्र कराने व एक विशाल मंदिर के निर्माण के लिए अभियान शुरू किया.
- 1 फरवरी, 1986: फैजाबाद जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिदुओं को पूजा की इजाजत दी. ताले दोबारा खोले गए. नाराज मुस्लिमों ने विरोध में विवादित ढांचा एक्शन कमेटी का गठन किया.
- जून 1989: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विहिप को औपचारिक समर्थन देना शुरू करके मंदिर आंदोलन को नया जीवन दे दिया.
- 1 जुलाई, 1989: भगवान रामलला विराजमान नाम से पांचवा मुकदमा दाखिल किया गया.
- 9 नवम्बर, 1989: तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने विवादित ढांचा के नजदीक शिलान्यास की इजाजत दी.
- 25 सितम्बर, 1990: भाजपा अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली, जिसके बाद साम्प्रदायिक दंगे हुए.
- नवम्बर 1990: आडवाणी को बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया. भाजपा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया. सिंह ने वाम दलों और भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी. बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
- अक्टूबर 1991: उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह सरकार ने विवादित ढांचा के आस-पास की 2.77 एकड़ भूमि को अपने अधिकार में ले लिया.
- 6 दिसम्बर, 1992: हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंच गए, विवादित ढांचा ढाह दिया, जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे हुए.
(विभिन्न पुस्तकों, समाचार पत्राें और वेब पोर्टलों से ली गई जानकारी)
यह भी पढ़ेंः History Of Ayodhya: क्या आप जानते हैं भगवान श्रीराम के पुत्र लव-कुश के नाती-पोतों का नाम?
यह भी पढ़ेंः क्या आप जानते हैं अयोध्या का इतिहास, श्रीराम के दादा परदादा का नाम क्या था?