AyodhyaVerdict: देश के सबसे पुराने मुकदमे की आज सुनवाई होनी है. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में आज सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने जा रहा है. मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद देश की शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय संविधान पीठ यह फैसला सुनाएगी. इसको लेकर सरकार सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी कर रही है.
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इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के बहुप्रतीक्षित फैसले का ‘श्रेय’ नहीं ले सकती. ठाकरे ने कहा, हमने सरकार से (अयोध्या में भव्य) राम मंदिर के निर्माण पर एक कानून बनाने का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाने जा रहा है तो सरकार इसका श्रेय नहीं ले सकती.
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इसके साथ ही हम आपको बता रहे हैं कि जिसको लेकर यह फैसला आना है, उस अयोध्या का क्या हाल है. संवेदनशील राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुनाए जाने की खबर मिलते ही यहां लोगों के चेहरे पर चिंता झलकने लगी. हनुमानगढ़ी मंदिर और सरकारी श्रीराम चिकित्सालय के पास पुलिसकर्मियों ने वाहनों की जांच तेज कर दी. पीएसी जवानों ने भी मंदिर क्षेत्र के आसपास चौकसी बढ़ा दी है. स्थानीय निवासी शनिवार सुबह आने वाले संभावित फैसले पर चर्चा करते नजर आए.
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कुछ ने कहा कि स्थिति लगभग दिवाली की भीड़ जैसी है, लेकिन लोगों के चेहरे पर चिंता साफ नजर आ रही है. देर शाम तक हनुमानगढ़ी मंदिर के आसपास की अधिकांश दुकानें बंद गई. किराने की दुकान चलाने वाले राम कुमार ने कहा कि उन्होंने दुकान को कुछ और समय तक खुला रखने फैसला किया, ताकि उनके ग्राहक अंतिम-क्षणों की खरीदारी कर सकें. कुछ लोगों ने सप्ताहांत पर यात्रा की योजना बनाई थी. लेकिन अब वे अपनी यात्रा के समय में बदलाव कर रहे हैं. रीता बनर्जी को लखनऊ जाना था लेकिन अब उनका जाना पक्का नहीं है. हनुमानगढ़ी मंदिर में लोगों ने शांति व्यवस्था कायम रहने की प्रार्थना की. शहर के सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.
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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 40 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पुलिस द्वारा जारी एक परामर्श के मुताबिक पर्याप्त संख्या में बलों को तैनात किया जा रहा है और विभाग ने गृह मंत्रालय से अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की मांग भी की है. परामर्श में कहा गया है कि धर्म स्थलों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक इंतजाम किए गए हैं.
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पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया की भी निगरानी की जाएगी. सोशल मीडिया पर मौजूद लोगों से विवेक के साथ पोस्ट करने और किसी असत्यापित सामग्री को साझा करने या फैलाने से बचने को कहा गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शांति व्यवस्था को प्रभावित करने वाली किसी भी गतिविधि में संलिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी.
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उधर, कांग्रेस के शीर्ष नेता अयोध्या मामले में फैसला आने के मद्देनजर शनिवार सुबह बैठक करेंगे और अपनी आगे की रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे. कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक कल सुबह होगी. जबकि यह बैठक रविवार को होनी थी. वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, सीडब्ल्यूसी की बैठक पुनर्निर्धारित की गई है और अब यह नौ नवंबर को सुबह पौने नौ बजे 10 जनपथ पर होगी. बैठक में सीडब्ल्यूसी के सदस्य, स्थायी आमंत्रित सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य हिस्सा लेंगे. गौरतलब है कि सीडब्ल्यूसी अहम मुद्दों पर पार्टी के नीतिगत फैसले लेने वाली सर्वोच्च इकाई है. बैठक में इस बात पर विचार विमर्श होगा कि अयोध्या मामले में फैसला आने के बाद पार्टी की अगली रणनीति क्या हो.
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अयोध्या पर न्यूज स्टेट की अपील
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाने वाला है, एक जिम्मेदार वेबसाइट होने के नाते हमारी आपसे अपील है कि अयोध्या पर किसी भी तरह की अफवाहों से आप बचें और दूसरों को भी बचाएं. न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करें, और देश में भाई-चारे के माहौल को और मजबूत करें.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
Source : News Nation Bureau