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अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की तारीख की हो सकती है घोषणा, 19 को होगी ट्रस्ट की पहली मीटिंग

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो गया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की थी.

Updated on: 09 Feb 2020, 04:09 PM

नई दिल्‍ली:

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो गया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की थी. राम मंदिर के निर्माण को लेकर दिल्ली में 19 फरवरी को ट्रस्ट की पहली बैठक होगी. इस मीटिंग में नए सदस्यों का चुनाव होगा. सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग में राम मंदिर के निर्माण के लिए तारीखों की घोषणा हो सकती है. बीजेपी नेता कामेश्वर चौपाल राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र' ट्रस्ट के पंद्रह सदस्यों में से एक हैं.

सूत्रों के अनुसार, नवगठित राममंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास की पहली बैठक 19 फरवरी को शाम 5 बजे वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन घर पर होगी. आपको बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले दिनों लोकसभा को जानकारी दी थी कि कैबिनेट ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने का प्रस्ताव पास किया है. उन्होंने कहा था कि ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे जुड़े विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा. सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर मसले पर ऐतिहासिक फैसले के दौरान सरकार को ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया था.

शुरुआत में ट्रस्ट वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण के आवास से कार्य करेगा, लेकिन बाद में इसका स्थायी दफ्तर खोला जाएगा. ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े विषयों पर स्वतंत्र रूप से निर्णय करने के अधिकार होंगे. ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय दिल्ली में होगा.

ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे. इनमें 9 स्थायी और 6 नामित मेंबर होंगे. गठन के बाद ट्रस्ट को केंद्र सरकार की ओर से एक रुपये का नकद दान भी मिला. यह ट्रस्ट को मिला पहला दान बताया जा रहा है.

केंद्र से एक रुपये का चंदा होंगे

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को पहले दान के तौर पर एक रुपया नकद दिया गया, ताकि ट्रस्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की दिशा में काम शुरू कर सके. केंद्र सरकार की ओर से अवर सचिव डी. मुर्मू ने गृह मंत्रालय में यह दान ट्रस्ट को दिया. अफसर ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति सहित बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान, अंशदान, योगदान ले सकता है.

ट्रस्टी में ये लोग हैं शामिल

के पारासरण, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील- ट्रस्टी अध्यक्ष
जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज, प्रयागराज.
युगपुरुष परमानंद जी महाराज, हरिद्वार.
स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज, पुणे.
जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, पेजावर मठ, उडुपी.
डॉ. अनिल मिश्र, होम्पयोपैथिक डॉक्टर, अयोध्या.
श्री कामेश्वर चौपाल, पटना (एससी सदस्य).
बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो.
बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो.
महंत दिनेंद्र दास, निर्मोही अखाड़ा, अयोध्या बैठक, अयोध्या (निर्मोही अखाड़े का प्रतिनिधि), जो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैरा 805(4) के निर्देशानुसार ट्रस्टी होगा.
केंद्र सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और केंद्र सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा. यह व्यक्ति भारत सरकार के संयुक्त सचिव के पद से नीचे नहीं होगा. यह एक पदेन सदस्य होगा.
राज्य सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा. यह व्यक्ति राज्य सरकार के सचिव के पद से नीचे नहीं होगा. यह एक पदेन सदस्य होगा.
अयोध्या जिले के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, जोकि सरकार के पूर्व कर्मचारी और हिंदू धर्म के होंगे को भी ट्रस्टी बनाया जाएगा. अगर किसी कारण से मौजूदा कलेक्टर हिंदू धर्म के नहीं हैं तो अयोध्या के एडिशनल कलेक्टर (हिंदू धर्म) पदेन सदस्य होंगे.
राम मंदिर विकास और प्रशासन से जुड़े मामलों के चेयरमैन की नियुक्ति ट्रस्टियों का बोर्ड करेगा. उनका हिंदू होना जरूरी है. साथ ही वे पूर्व कर्मचारी रह चुके हो.