logo-image

'राम मंदिर का संकल्प किसी एक व्यक्ति या संगठन का नहीं', आरएसएस ने क्यों दिया ऐसा बयान

स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह (महासचिव) सुरेश भैय्याजी जोशी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राम मंदिर का संकल्प किसी एक व्यक्ति या संगठन का नहीं है.

Updated on: 02 Aug 2020, 11:28 AM

नई दिल्ली:

अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में भूमि पूजन की चल रही तैयारियों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह (महासचिव) सुरेश भैय्याजी जोशी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राम मंदिर का संकल्प किसी एक व्यक्ति या संगठन का नहीं है. उन्होंने मंदिर निर्माण को पूरे देश और समाज का संकल्प बताते हुए कहा है कि यह देश की ऊर्जा का केंद्र बनेगा. राम मंदिर आंदोलन को धार देने वाले विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष स्व. अशोक सिंघल (Ashok Singhal) के नाम पर बने फाउंडेशन के कार्यक्रम में भैय्याजी जोशी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर अपने विचार व्यक्त किए.

यह भी पढ़ेंः उत्तर प्रदेश न्यूज़ राम मंदिर भूमि पूजन से पहले अयोध्या अभेद्य किले में तब्दील, एक दिन पहले ही सीमाएं सील

संघ में सर संघचालक मोहन भागवत के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण दायित्व संभालने वाले भैय्याजी जोशी ने कहा कि अयोध्या में अल्प समय में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार होगा. उन्होंने कहा, 'हिंदू समाज की आंतरिक शक्ति पर पूरा भरोसा है. जिस तरह से मंदिर निर्माण की अब तक सारी बाधाएं दूर हुईं हैं, उसी तरह से आगे भी कोई बाधा नहीं खड़ी होगी. हिंदू समाज सामर्थ्यवान और दानशील है. देश और समाज के संकल्प से राम मंदिर बनकर तैयार होगा.'

यह भी पढ़ेंः  कैबिनेट मंत्री कमला वरुण की कोरोना से मौत के चलते CM योगी ने अयोध्या दौरा किया निरस्त

सुरेश भैय्याजी जोशी ने कहा, 'राम मंदिर का निर्माण देश का संकल्प है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और राजस्थान की मरुभूमि से लेकर मणिपुर की पहाड़ियों तक यह संकल्प फैला हुआ है. भारत ही नहीं भारत से बाहर रहने वाले भगवान राम के अनुयायियों का यह संकल्प है. यह संकल्प न किसी व्यक्ति का और न ही किसी संगठन का है, यह समाज का संकल्प है.' अशोक सिंघल को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में उनके योगदान को याद किया. सुरेश भैय्याजी जोशी ने कहा कि हमारा सैंकड़ों वर्षों का समृद्ध इतिहास रहा है. बाहरी आक्रमण के बावजूद हम हिंदू हैं-यह कहने वाले लोग बचे हैं. भक्ति मार्ग पर चलने वाले तमाम साधु-संतों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया. तमाम महापुरुषों ने भी भूमि और समाज की रक्षा के लिए बलिदान दिए. ऐसे देश में अनगिनत बलिदानियों की श्रृंखला रही है. देश एक बार फिर से विश्व पटल पर गौरव प्राप्त करेगा.