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Sri Sri Ravishankar (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद अयोध्या विवाद मामले को सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति द्वारा मध्यस्थता का आदेश दिया है. इस समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एफ.एम.आई कलीफुल्ला होंगे और उनके साथ आर्ट ऑफ लीविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर व वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू इसके सदस्य होंगे. कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले के मध्यस्थता पैनल में शामिल होने पर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा, 'मुझे अभी इसकी जानकारी मिली, मुझे लगता है कि यह देश के लिए अच्छा होगा, मध्यस्थता ही एकमात्र रास्ता है.'
Sri Sri Ravishankar on being appointed in Ayodhya mediation panel by Supreme Court: I just heard of this news, I think this will be good for the country, mediation is the only way pic.twitter.com/aj2mQAKE4i
— ANI (@ANI) March 8, 2019
वहीं इस पैनल में श्री श्री रविशंकर को शामिल किए जाने पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा इससे पहले श्रीश्री रविशंकर ने मुसलमानों को लेकर कहा था, 'यदि मुसलमान अयोध्या मुद्दे पर अपना दावा नहीं छोड़ते हैं तो हिन्दुस्तान सीरिया बन जाएगा.' ओवैसी ने यह भी कहा- अच्छा होता सुप्रीम कोर्ट श्रीश्री रविशंकर के बदले किसी निष्पक्ष आदमी को पैनल में शामिल करता.'
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बता दें कि मध्यस्थता का आदेश देते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति ए.ए.बोबडे, न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति एस.अब्दुल नजीर ने प्रिंट व विजुअल मीडिया दोनों को मध्यस्थता की कार्यवाही की रिपोर्टिग करने से वर्जित कर दिया।
Source : News Nation Bureau