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अयोध्या विवाद: तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट

रामजन्म भूमि से जुड़े अयोध्या विवाद मामले में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

Updated on: 01 Aug 2019, 04:21 PM

नई दिल्ली:

रामजन्म भूमि से जुड़े अयोध्या विवाद मामले में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में सप्रीम कोर्ट की एक बेंच इस मामले की सुनवाई 2 अगस्त को करेगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 31 जुलाई को मध्यस्थता पैनल को रिपोर्ट सौंपना था, लेकिन उन्होंने एक दिन एक अगस्त को अपनी रिपोर्ट सौंपी है.

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अब रिपोर्ट देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ये तय करेगी कि इस मामले का निपटारा कैसे किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 2 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है. उस दिन ओपन कोर्ट में सुनवाई होगी, जिसके बाद अदालत ये फैसला लेगी कि इस मामले का हल मध्यस्थता से निकाला जाएगा या रोजाना की सुनवाई से. यानी जस्टिस कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाली मध्यस्थता कमेटी के पास अब कल का वक्त बचा है. उसके बाद गेंद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के पाले में होगी.

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अयोध्या मामले का हल ढूंढने के लिए चार महीने पहले जिस मध्यस्थता कमेटी का गठन किया गया था उसका अंतिम इम्तिहान करीब आ चुका है. एक अगस्त को जब इस कमेटी के अध्यक्ष कलीफुल्ला सुप्रीम कोर्ट में अपनी फाइनल रिपोर्ट दाखिल करेंगे तो सिर्फ अदालत ही नहीं पूरा देश ये जानना चाहेगा कि आखिर 145 दिन की जद्दोजहद का नतीजा क्या निकला. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने मध्यस्थता कमेटी की प्रगति रिपोर्ट देखने के बाद 31 जुलाई तक अंतिम रिपोर्ट देने को कहा था. इस मामले में 2 अगस्त को ओपन कोर्ट में सुनवाई होगी और फिर ये तय होगा ये मुद्दा मध्यस्थता से सुलझेगा या अदालती सुनवाई से.