अयोध्या विवादः मुस्लिमों ने वसीम का तो महंत ने श्री श्री का किया विरोध

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत में मुस्लिम पक्ष ने शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी को प्रतिनिधि मानने से इनकार कर दिया है।

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत में मुस्लिम पक्ष ने शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी को प्रतिनिधि मानने से इनकार कर दिया है।

author-image
abhiranjan kumar
एडिट
New Update
अयोध्या विवादः मुस्लिमों ने वसीम का तो महंत ने श्री श्री का किया विरोध

श्री श्री रविशंकर और शिया वक्फ बोर्ड चीफ (फाइल फोटो)

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए रविवार को बंद कमरे में हुई बातचीत में मुस्लिम पक्ष ने शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी को प्रतिनिधि मानने से इनकार कर दिया है।

Advertisment

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यदि रिजवी जैसे लोगों को बातचीत में शामिल किया गया तो इस मुद्दे का हल कभी नहीं निकल सकेगा। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मामला कोर्ट के पास है और अब कोर्ट ही इस पर निर्णय लेगा। कोर्ट का हर निर्णय मान्य होगा।

उधर वार्ता में शामिल हुए अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि ने श्री श्री रविशंकर के हस्तक्षेप की खिलाफत की है। उनका कहना है कि वे बिना मतलब रामजन्मभूमि समझौते में पड़े हैं। राम मंदिर निर्माण उनकी हद के बाहर है।

रविवार को अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए संकट मोचन हनुमानगढ़ी मंदिर के बंद कमरे में वार्ता शुरू हुई। इस वार्ता में हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी और बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी समेत तमाम लोग शामिल रहे। लेकिन अचानक मुस्लिम पक्ष के पैरोकार इकबाल अंसारी बैठक से नाराज होकर बाहर निकल आए और वसीम रिजवी को मुस्लिम पक्षकार मानने से इनकार कर दिया।

इसे भी पढ़ेंः श्री श्री रविशंकर से मिले शिया वक्फ बोर्ड चीफ, बोले- 2018 तक बनेगा राम मंदिर

उन्होंने कहा कि हम उनके (रिजवी) फॉर्मूले से सहमत नहीं हैं। रिजवी का पक्ष सुन्नी मुसलमान नहीं मानेगा। वो मुसलमानों के पक्षकार नहीं हैं। अंसारी ने कहा कि बाबरी मंस्जिद सुन्नियों की मस्जिद थी। इसलिए वहीं इस मामले के मुद्दई हैं। रिजवी का इसमें कोई दखल नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कहा कि यदि रिजवी जैसे लोग बातचीत में शामिल होंगे तो कभी भी मुद्दे का हल नहीं निकलेगा। अंसारी ने कहा कि अब मामला कोर्ट में है वही इसका फैसला करे। अगर कोर्ट कहे तो कल से ही मंदिर बनना शुरू हो जाएगा।

इसे भी पढ़ेंः राम मंदिर पर बोले सीएम योगी, नियत अच्छी हो तो काम भी अच्छा होता है

वहीं इस मामले में वसीम रिजवी का कहना है कि अयोध्या में मंदिर ही बनना चाहिए कि जबकि मस्जिद को किसी अन्य जगह मुस्लिम बस्ती में बना देना चाहिए, लेकिन इस पर मुसलमानों के सभी वर्ग सहमत नहीं हैं।

उधर वार्ता में शामिल होने आए अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि ने इस मसले पर श्रीश्री रविशंकर के हस्तक्षेप का विरोध किया और कहा कि श्रीश्री कोई संत नहीं हैं। वह एक एनजीओ चलाते हैं और वे बिना मतलब राम जन्मभूमि समझौते में पड़े हैं। राम मंदिर निर्माण उनकी हद के बाहर है।

उन्होंने कहा, 'हम संतों व सभी लोगों को मिलकर इस विवाद का रास्ता निकालना चाहिए।'

सभी राज्यों की खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Source : IANS

Sri Sri Ravi Shankar Ayodhya Dispute wasim rizvi
      
Advertisment