अयोध्या विवाद : हफ्ते में लगातार 5 दिन सुनवाई का मुस्लिम पक्ष ने किया विरोध
मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने हफ्ते में 5 दिन सुनवाई का विरोध किया है.
नई दिल्ली:
अयोध्या केस की हफ्ते में 5 दिन सुनवाई का मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने विरोध किया है. आज सुनवाई शुरू होते हुए धवन ने कहा कहा- ये अव्यवहारिक है. इससे हमें मुकदमे की तैयारी करने का पर्याप्त समय नहीं मिलेगा. चीफ जस्टिस ने कहा- हम इस पर बाद में बात करेंगे.
आमतौर पर संविधान पीठ इस तरह के पुराने और विस्तृत सुनवाई की ज़रूरत वाले मामले को जब सुनती है, तो हफ्ते में सिर्फ तीन दिन (मंगल, बुध और गुरुवार) को सुनवाई होती है. हफ्ते के बाकी दो दिन सोमवार और शुक्रवार को नए मामलों की सुनवाई के दिन होता है, लेकिन परम्परा से हटकर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सोमवार और शुक्रवार को भी सुनने का फैसला बढ़ गया है. ऐसे में उम्मीद बढ़ गई थी कि इस तरीके से लगातार सुनवाई से 17 नवंबर को रिटायर हो रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल मे ही इस पर फैसला आ जायेगा.
अयोध्या मामले में आज सुनवाई का चौथा दिन है. एक दिन पहले निर्मोही अखाड़े की ओर से के परासरन ने दलीलें पेश करते हुए कहा- इसमे कोई दो राय नहीं कि विवादित जगह ही जन्मस्थान है. हिन्दू और मुस्लिम दोनों इसे मानते हैं. सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण ने परासरन से पूछा- क्या जन्मस्थान को भी जीवित व्यक्ति का दर्जा देते हुए मामले में पक्षकार बनाया जा सकता है. हम जानते है कि मूर्ति (देवता) को कानूनन जीवित व्यक्ति का दर्जा हासिल है, लेकिन जन्मस्थान को लेकर क्या कानून है.
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