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अयोध्या केस की सुनवाई 29 जनवरी को नहीं होगी. पांच जजों की बेंच में से एक जज की गैर-मौजूदगी इसकी वजह बनी है. जस्टिस एसए बोबडे 29 जनवरी को गैर- मौजूद रहेंगे, जिसकी वजह से सुनवाई टाल दी गई है. हालांकि अभी कोई अगली तारीख तय नहीं की गई है.
Ayodhya case won't be taken up for hearing by the 5-judge constitution bench of Supreme Court on January 29 due to the non-availability of Justice SA Bobde pic.twitter.com/wzuJsBjwSJ
— ANI (@ANI) January 27, 2019
बता दें कि 26 जनवरी को अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नई बेंच का गठन किया. इस बेंच में जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर को शामिल किया गया है. अब नए बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोवडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अब्दुल नजीर हैं.
गौरतलब है कि 10 जनवरी को अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धन ने जस्टिस यूयू ललित को लेकर सवाल उठाए. जस्टिस यूयू ललित उस 5 सदस्यीय संविधान पीठ के सदस्य थे, जो अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही थी, लेकिन अधिवक्ता राजीव धवन की आपत्ति के बाद वह स्वयं केस से हट गए. राजीव धवन की दलील थी कि यूयू ललित अधिवक्ता रहते हुए बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के लिए 1994 में पेश हुए थे. इस पर जस्टिस यूयू ललित ने केस से खुद को अलग कर लिया. हालांकि हिंदू पक्ष के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमें यूयू ललित से कोई समस्या नहीं है. जिसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा था कि अब नए सिरे से संविधान पीठ का गठन किया जाएगा.
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दिलचस्प बात यह है कि चीफ जस्टिस ने इस संविधान पीठ में उन दोनों जजों को शामिल कर लिया जो इससे पहले पूर्व CJI दीपक मिश्रा के साथ मामले की सुनवाई कर रहे थे, लेकिन इससे पहले गठित संविधान पीठ में शामिल नहीं किये गए थे. ये जज है जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर. CJI ने नई संविधान पीठ में यूयू ललित और जस्टिस रमन्ना की जगह अब इनको शामिल किया है.
Source : News Nation Bureau