logo-image

अयोध्या मामला: 1885 से रामचबूतरे पर पूजा करते थे हिंदू, सबूतों से साफ- सुप्रीम कोर्ट

सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन से सवाल पूछा कि बाहरी चबूतरे पर हिंदुओं के कब्जे को लेकर उनका क्या कहना है

Updated on: 14 Oct 2019, 01:41 PM

नई दिल्ली:

अयोध्या राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई का 38वां दिन है. तय शेड्यूल के मुताबिक आज मुस्लिम पक्ष के पास अपनी बात रखने का अंतिम मौका है. आज मुस्लिम पक्ष की जिरह पूरी हो जाएगी. इसके बाद मंगलवार और बुधवार को हिंदू पक्ष को जवाब देने का आखिरी मौका मिलेगा और 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की नई चाल, पंजाब में आतंकवाद फैलाने की रच रहा साजिश- NIA

सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन से सवाल पूछा कि बाहरी चबूतरे पर हिंदुओं के कब्जे को लेकर उनका क्या कहना है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि दस्तावेज 1885 से रामचबूतरे पर हिंदुओ द्वारा पूजा किये जाने की पुष्टि करते हैं. क्या ये मुस्लिम पक्ष के दावे को कमज़ोर नहीं करता? धवन ने इस सवाल का जवाब दिया कि नहीं ,इससे मुस्लिम पक्ष का मालिकाना दावा कमजोर नहीं होता. मुस्लिम हमेशा पूर्वी गेट से एंट्री करते रहे है. हिंदू सिर्फ रामचबूतरे पर पूजा करते रहे हैं, वो भी मुस्लिम पक्ष की इजाजत से जमीन पर मालिकाना हक को लेकर तब हिंदू पक्ष ने दावा पेश नहीं किया था.

यह भी पढ़ें: अयोध्या मामला: मुस्लिम पक्ष ने लगाया सुप्रीम कोर्ट पर पक्षपात का आरोप, कहा- सारे सवाल हम से ही क्यों

बता दें, इससे पहले सुनवाई के दौरान राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट पर पक्षपात का आरोप भी लगाया था. उन्होंने कहा, मैंने नोटिस किया है कि सुनवाई के दौरान बेंच के सारे सवाल मुस्लिम पक्ष से ही रहे है. हिंदू पक्ष से कोई सवाल नहीं पूछा गया. रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने इस पर ऐतराज जाहिर करते कहा ये गलत, बेबुनियाद बात है. लेकिन धवन ने इसे खारिज करते हुए कहा कहा कि मैं कोई बेबुनियाद बात नहीं कह रहा है. मेरी ज़िम्मेदारी बनती है कि मैं बेंच के सारे सवालों के जवाब दूं. पर सारे सवाल मुस्लिम पक्ष से ही क्यों हो रहे है.