अयोध्या विवाद में शुक्रवार को 4 पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जाएंगी.सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से मिसबाहुद्दीन, मौलाना हसबुल्ला, हाजी महबूब और रिजवान अहमद पुनर्विचार याचिकाएं दायर करेंगे. अगर इन पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ओपन कोर्ट में सुनवाई के लिए तैयार होता है, तो राजीव धवन ही जिरह करेंगे. जमीयत उलेमा ए हिंद पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर चुका है.
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जमीयत पहले ही दायर कर चुका है याचिका
17 नवंबर को ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा था कि कोर्ट के फैसले की समीक्षा के लिए वह अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करेगा. मामले में कुल दस याचिकाकर्ताओं में से एक उत्तर प्रदेश में जमीयत के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अशद रशीदी पुनर्विचार याचिका दायर करने को आगे आए हैं. उनका कहना है कि मामले में कोर्ट के फैसले का पहला हिस्सा और दूसरा हिस्सा एक दूसरे का विरोधाभासी है. उनके अनुसार, कोर्ट ने इस बात पर सहमति जताई है कि यहां मस्जिद का निर्माण मंदिर तोड़कर नहीं किया गया था और 1992 का मस्जिद विवाद अवैध है. फिर कोर्ट ने यह जमीन दूसरे पक्ष को क्यों दे दी.
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मुस्लिम समुदाय का कानून पर है भरोसा
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मौलाना वली रहमानी का कहना है कि मुस्लिम समुदाय का कानून में भरोसा है इसलिए ही पुनर्विचार याचिका दायर की जा रही है. इससे पहले मामले में कोर्ट के फैसले को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दाखिल न करने का फैसला लिया था. वक्फ बोर्ड ने यह फैसला एक बैठक में किया था. इसमें कुल आठ लोग शामिल हुए थे जिसमें से छह पुनर्विचार याचिका दाखिल न किए जाने के पक्ष में थे.
HIGHLIGHTS
- अयोध्या विवाद में आए फैसले से संतुष्ट नहीं है मुस्लिम पक्ष.
- शुक्रवार को दायर की जाएंगी चार पुनर्विचार याचिकाएं.
- राजीव धवन करेंगे याचिकाओं पर बहस.
Source : News Nation Bureau