अयोध्या केस सुनवाई में मुस्लिम पक्ष पलटा, ASI रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर मांगी माफी
एएसआई की रिपोर्ट पर सवाल उठाने के बाद गुरुवार को मुस्लिम पक्ष अपने ही रुख से पलट गया और ऐसा करने पर माफी मांग ली.
highlights
- मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने एएसआई की रिपोर्ट पर सवाल उठाने पर माफी मांगी.
- उन्होंने कहा कि वह एएसआई रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर कोई सवाल खड़ा नहीं करना चाहते.
- मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा था, 'पुराने ढांचे को विध्वंस पर एएसआई की रिपोर्ट चुप है.'
नई दिल्ली:
सर्वोच्च न्यायालय में राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई के दौरान एएसआई की रिपोर्ट पर सवाल उठाने के बाद गुरुवार को मुस्लिम पक्ष अपने ही रुख से पलट गया और ऐसा करने पर माफी मांग ली. मामले की सुनवाई कर रही पांच जजों की संवैधानिक बेंच के समक्ष मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट पर सवाल उठाए जाने को लेकर माफी मांगी. उन्होंने कहा कि वह एएसआई रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर कोई सवाल खड़ा नहीं करना चाहते.
यह भी पढ़ेंः नवंबर तक रुलाएगा प्याज, त्योहारी सीजन पर दाम बढ़ना तय; फिर राहत के आसार
एएसआई रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर उठाए थे सवाल
मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें दे रहे वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा, 'यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि हर पेज पर हस्ताक्षर हों. रिपोर्ट की ऑथरशिप और उसके सारांश पर सवाल खड़े किए जाने की जरूरत नहीं है. यदि हमने बेंच का समय नष्ट किया हो तो हम इसके लिए माफी मांगते हैं.' गौरतलब है कि बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाली एक अन्य अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा था कि एएसआई के हर चैप्टर पर लेखक का जिक्र है, लेकिन उसके सारांश में किसी लेखक का जिक्र नहीं है.
यह भी पढ़ेंः ISRO चीफ ने दिया बड़ा बयान, बताया Chandrayaan-2 की लैंडिंग का पूरा सच
कोर्ट के स्वीकारने पर सबूत नहीं हो सकते खारिज
इस पर चीफ जस्टिस के अलावा बेंच में शामिल जस्टिस एस.ए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर ने कहा कि धवन ने सुनवाई की शुरुआत में कहा था कि वह अपने सवाल करने के हक को नहीं छोड़ सकते. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह भी कहा था कि सबूतों को खारिज नहीं किया जा सकता है क्योंकि कोर्ट ने उन्हें स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही बेंच ने कहा कि हिंदू और मुस्लिम पक्ष को तय समय में ही अपनी दलीलें देनी होंगी, क्योंकि 18 अक्टूबर के बाद एक दिन का भी वक्त नहीं दिया जाएगा.
यह भी पढ़ेंः कश्मीर में और सख्त होगा आतंकियों के खिलाफ अभियान, ये है NSA डोभाल का मास्टर प्लान
18 तक पूरी करनी है सुनवाई
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा, '18 अक्टूबर के बाद एक भी दिन का अतिरिक्त समय नहीं मिलेगा. यदि हम 4 सप्ताह में फैसला देते हैं तो फिर वक्त देना मुश्किल होगा.' कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से कहा कि वे एएसआई रिपोर्ट पर अपने सवालों को एक ही दिन में निपटा लें. अदालत ने कहा कि अक्टूबर में कई दिन अवकाश हैं और हिंदू पक्ष के सिर्फ एक ही वकील को प्रत्युत्तर के लिए मौका दिया जाएगा. गौरतलब है कि बुधवार को मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा था, 'एएसआई की रिपोर्ट में पुराने ढांचे को विध्वंस करने की बात नहीं है. इस पर एएसआई की रिपोर्ट चुप है.'
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर