Ayodhya Case: जानिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुस्लिम पक्ष को क्या मिला है

अंततः देश में लंबे समय से राजनीति का केंद्र रहे अयोध्या मसले (Ayodhya Case) को लेकर जो फैसला सुनाया है, उससे अयोध्या की अब तक विवादित रही जमीन हिंदू पक्षकारों को दे दी है.

अंततः देश में लंबे समय से राजनीति का केंद्र रहे अयोध्या मसले (Ayodhya Case) को लेकर जो फैसला सुनाया है, उससे अयोध्या की अब तक विवादित रही जमीन हिंदू पक्षकारों को दे दी है.

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Yogendra Mishra
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Ayodhya Case: जानिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुस्लिम पक्ष को क्या मिला है

सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

अंततः देश में लंबे समय से राजनीति का केंद्र रहे अयोध्या मसले (Ayodhya Case) को लेकर जो फैसला सुनाया है, उससे अयोध्या की अब तक विवादित रही जमीन हिंदू पक्षकारों को दे दी है. फैसले को देखा जाए तो अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर (Ram Temple) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने मुस्लिम पक्ष को भी अयोध्या में ही महत्वपूर्ण स्थान पर 5 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए देने का भी निर्देश दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े को बस एक प्रबंधक माना लेकिन पक्षकार के रूप में खारिज कर दिया. रामलला विराजमान को सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकार माना.

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मुस्लिम पक्ष को क्या मिला

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड को 5 एकड़ ज़मीन सरकार देगी. सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड को ज़मीन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो ऑप्शन दिए हैं. पहले ऑप्शन के तहत 5 एकड़ ज़मीन अयोध्या में 1993 में अधिग्रहित ज़मीन से दी जा सकती है. दूसरे ऑप्शन के तहत राज्य सरकार अयोध्या में कोई दूसरी ज़मीन दे सकती है. ज़मीन देने के लिए तीन महीने यानी 9 फ़रवरी 2020 तक का वक़्त तय किया गया है. राज्य और केंद्र सरकार आपसी बातचीत से ज़मीन देने की प्रक्रिया पूरी करेंगे.

यह भी पढ़ें- Ayodhya Case: 5 प्वाइंट्स में जानिए मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड को अधिकार होगा की वो दी गयी ज़मीन पर मस्जिद निर्माण करे. सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 का इस्तेमाल करते हुए सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड को ज़मीन देने का फैसला दिया है. आर्टिकल 142 सुप्रीम कोर्ट को असीम शक्ति देता है. आर्टिकल 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट का आदेश देश का कानून माना जाता है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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