फिर कोर्ट पहुंचा अयोध्या मामला, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुनर्विचार याचिका
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के करीब एक महीने बाद यह मामला एक बार फिर कोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है.
नई दिल्ली:
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के करीब एक महीने बाद यह मामला एक बार फिर कोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है. अयोध्या मामले में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद आज सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है. सोमवार को दाखिल हुई 217 पन्नों की इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए गए हैं. याचिका में मुस्लिल संगठनों का पक्ष दोबारा सुने जाने की मांग की गई है. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल किए जाने को लेकर मुस्लिम पक्षों की राय बंटी हुई थी. इससे पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड इस मालमे में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से इंकार कर चुका है. लेकिन अमीयत-उलेमा-ए-हिंद द्वारा इस मामले मे सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जा रही है.
Zafaryab Jilani, All India Muslim Personal Law Board (AIMPLB): We are not going to file the review petition (in the Ayodhya case) before Supreme Court today. We have prepared the review petition and we can do it any day before 9th December. pic.twitter.com/wrujXqrQUc
— ANI (@ANI) December 2, 2019
अयोध्या मामले में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद द्वारा इस मामले को एक बार फिर कोर्ट ले जाने से मामला फिर लटक सकता है. अगर कोर्ट इस मामले में पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर लेता है तो पूरे मामले की फिर सुनवाई होगी. पूरे मामले की दोबारा सुनवाई से मामला एक बार फिर सालों तक लटक सकता है. ऐसे में अब सभी की नजर सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं कि अगर यह मामला दोबारा कोर्ट के संज्ञान में आता है तो वह इस मामले में पुनर्विचार याचिका को स्वीकार करेगा या नहीं.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि इस मामले में उसकी ओर से भी 9 दिसंबर तक पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी. अभी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारी की जा रही है. तैयारी पूरी होते ही पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका से किया था इंकार
हाल में अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में पुनर्विचार याचिका दाखिल न किए जाने का फैसला लिया गया था. बैठक में 8 में सात सदस्य शामिल हुए थे. इनमें से 6 सदस्य पुनर्विचार याचिका दाखिल न किए जाने के पक्ष में थे. अब यह साफ हो गया है कि इस मामले को बोर्ड की ओर से दोबारा सुप्रीम कोर्ट नहीं ले जाया जाएगा. इसके साथ ही जमीन के मामले पर बोर्ड का कहना है कि जब सरकार की ओर से इस पर कोई प्रस्ताव आएगा तो उसके बाद इस पर फैसला किया जाएगा.
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