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अयोध्या मामले पर सुनवाई पूरी, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

आज हिंदू पक्ष के वकील को 45 मिनट का वक्त बहस करने के लिए मिलेगा. वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील को 1 घंटे का वक्त मिलेगा

Updated on: 16 Oct 2019, 03:51 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले पर सुनवाई का आखिरी दिन है. सुप्रीम कोर्ट में 17 अक्टूबर से पहले मामले की सुनवाई खत्म होनी है. सीजेआई ने संकेत दिया है कि बुधवार को बहस पूरी हो जाएगी और फैसला सुरक्षित रख लिया जाएगा. आज हिंदू पक्ष के वकील को 45 मिनट का वक्त बहस करने के लिए मिलेगा. वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील को 1 घंटे का वक्त मिलेगा

calenderIcon 16:19 (IST)
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तय समय से 1 घंटे पहले आया फैसला, अयोध्या विवाद में 23 दिनों में आ सकता है फैसला.

calenderIcon 16:05 (IST)
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कोर्ट ने पक्षकारों से मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ को लेकर कोर्ट ने तीन दिन के अंदर लिखित जवाब दाखिल करने को कहा.

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सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर फैसला सुरक्षित रखा.

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इससे पहले आज बहस के आखिरी दिन रामलला की ओर से सीएस वैद्यनाथन, गोपाल सिंह विशारद की ओर से रंजीत कुमार, निर्वाणी अखाड़े की ओर से वकील जयदीप गुप्ता, हिंदू महासभा की ओर से विकास सिंह, निर्मोही अखाड़े की ओर से सुशील जैन, राजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की ओर से पीएन मिश्रा, मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने अभी तक थोड़े-थोड़े वक्त में अपनी बात रखी है.

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इससे पहले आज बहस के आखिरी दिन रामलला की ओर से सीएस वैद्यनाथन, गोपाल सिंह विशारद की ओर से रंजीत कुमार, निर्वाणी अखाड़े की ओर से वकील जयदीप गुप्ता, हिंदू महासभा की ओर से विकास सिंह, निर्मोही अखाड़े की ओर से सुशील जैन, राजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की ओर से पीएन मिश्रा, मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने अभी तक थोड़े-थोड़े वक्त में अपनी बात रखी है.

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अब सुप्रीम कोर्ट में बहस का अंतिम दौर शुरू. मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर  जिरह शुरू.

calenderIcon 15:53 (IST)
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अब सुप्रीम कोर्ट में बहस का अंतिम दौर शुरू है. moulding of relief पर जिरह शुरू हो गई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई आज शाम 5 बजे खत्म हो जाएगी.

calenderIcon 14:44 (IST)
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इसके बाद कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर भी सुनवाई होगी. 

calenderIcon 14:40 (IST)
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लंच के बाद सीजेआई सिर्फ तीन पक्षों को सुनेंगे

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लंच के बाद मामले की सुनवाई एक बार फिर शुरू हो गई है. फिलहाल मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन दलील रख रहे हैं.

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वैसे गौर करने वाली बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के अलावा 6 और मुस्लिम पार्टियां हैं. इसलिए मामला यही पर खत्म नहीं होगा. अगर कोर्ट में इस पर चर्चा होती है तो बाकी 6 मुस्लिम पक्षकारों की राय की भी अपनी अहमियत है. बाकी मुस्लिम पार्टियां वक्फ़ बोर्ड के इस कदम के विरोध में है. ऐसे में मुस्लिम पक्ष में आपस मे आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो सकता है. आज सुनवाई पूरी होते वक्त कोर्ट में इस पर चर्चा हो सकती है.

calenderIcon 12:56 (IST)
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अयोध्या मध्यस्थता पैनल ने एक सेटलमेंट रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट  में दाखिल की है. सूत्रों के मुताबिक  सुन्नी वक्फ बोर्ड इस पर सहमत हो गया है कि विवादित ज़मीन के बदले  उसे कई और जगह मस्जिद बनाने के लिए दे दी दिए जाए. हालांकि इस चर्चा में कई अहम हिंदू और मुस्लिम पक्षकार शामिल नहीं हुए थे

calenderIcon 12:39 (IST)
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चीफ जस्टिस ने वकीलो के ऐसे रवैये पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा- इस तरीके से सुनवाई नहीं हो सकती. कोर्ट रूम के अंदर ऐसी नोकझोक अदालत का कीमती वक़्त बर्बाद कर रही है. हम अभी सुनवाई बन्द कर देंगे और आप सब से लिखित जवाब मांग कर फैसला सुरक्षित लेंगे


 

calenderIcon 12:37 (IST)
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विकास सिंह ने इसके बाद एक नक्शा रखा और उसकी कॉपी राजीव धवन को दी। धवन ने इसका भी विरोध करते हुए अपने पास मौजूद नक्शे की कॉपी फाड़ना शुरू कर दी. चीफ जस्टिस ने धवन के इस तरीके पर नाराजगी के अंदाज़ में कहा- आप चाहे तो पूरे पेज फाड़ सकते है

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हिंदू महसभा के वकील की तरफ से इस दौरान नक्शा भी दिया गया था. लेकिन राजीव धवन ने वो नक्शा और कागजात दोनो फाड़ दिए जिस पर सीजेआई रंजन गोगोई ने काफी नाराजगी जताई


 

calenderIcon 12:21 (IST)
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राजीव धवन की आपत

निर्वाणी अखाड़ा और महंत धर्मदास की ओर से दलील रखने के बाद हिंदू महासभा की ओर से विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की ओर से शोधपरक ग्रन्थ बेंच को दिया. इस पर राजीव धवन ने आपत्ति जताई


 


 

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राजीव धवन की आपत

निर्वाणी अखाड़ा और महंत धर्मदास की ओर से दलील रखने के बाद हिंदू महासभा की ओर से विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की ओर से शोधपरक ग्रन्थ बेंच को दिया. इस पर राजीव धवन ने आपत्ति जताई


 


 

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इसके बाद अब निर्वाणी अखाड़ा और महंत धर्मदास की ओर से दलील रखी जा रही है. निर्वाणी अखाड़ा की ओर से जयदीप गुप्ता जिरह कर  रहे हैं. 

calenderIcon 11:57 (IST)
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गोपाल सिंह विशारद के वकील रंजीत कुमार की 2 मिनट की जिरह

हिंदू पक्षकार के बाद अब गोपाल सिंह विशारद के वकील रंजीत कुमार जिरह कर रहे हैं. इससे पहेल सीजेआई ने उनसे कहा कि आपके पास जिरह के लिए केवल दो मिनट हैं क्योंकि कल आपने 2 मिनट मांगे थे. इसपर रंजीत कुमार ने कहा कि सर, वो तो कल के लिए दो मिनट थे. अब कैसे बहस पूरी होगी?


इसके बाद उन्होंने अपनी जिरह शुरू करते हुए कहा कि हिंदुओं की ओर से पूजा का अधिकार पहले मांगा गया था, लेकिन मुस्लिम रूल में हिंदुओं को पूजा के अधिकार मिलने में दिक्कत आई थी. हालांकि, जब ब्रिटिश रूल आया तो इस मामले में कुछ राहत मिली. इसके साथ ही उनकी जिरह 2 मिनट में खत्म हो गई.

calenderIcon 11:53 (IST)
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हिंदू पक्षकार की जिरह पूरी

हिंदू पक्षकार की दलील पूरी हो चुकी है. CJI रंजन गोगोई ने कहा, आपका समय पूरा हुआ, बैठ जाइए 

calenderIcon 11:40 (IST)
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हिंदू हमेशा से करते आएं है दावा

सीएस वैद्दनाथ ने आगे कहा,  मुस्लिम पक्ष के पास कोई ऐसा सबूत नहीं, जिससे साफ हो कि 1949 तक वहां मुस्लिमो का एकाधिकार रहा हो. जबकि हकीकत ये है कि हिंदू पक्ष ने कभी अपना दावा नहीं छोड़ा.

calenderIcon 11:35 (IST)
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हिंदूओं के पास नहीं दूसरा विकल्प

इसी के साथ सीएस वैद्यनाथन ने मंगलवार की दलील को दोहराया. उन्होंने कहा, मुसलमान अयोध्या की  दूसरी मस्जिदों में नमाज पढ़ सकते है पर हिन्दुओं के पास श्री रामजन्मस्थान का कोई दूसरा विकल्प नहीं है. वो अपने आराध्य का जन्मस्थान नहीं बदल सकते

calenderIcon 11:33 (IST)
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मुस्लिम पक्ष के पास नहीं कोई सबूत

उन्होंने कहा, ऐसा कोई सबूत नहीं, जिससे साफ हो कि 1934 के बाद वहां नमाज पढ़ी गई. जबकि हिंदू हमेशा उस जगह को श्रीराम का जन्मस्थान मानकर पूजा करते रहे हैं,

calenderIcon 11:30 (IST)
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विवादित स्थल पर 1949 से नहीं पढ़ी गई नमाज

हिंदू पक्षकार ने कहा, 16 दिसंबर 1949 के बाद से विवादित जगह पर कोई नमाज नहीं पढ़ी गई और इस बात के सबूत भी हैं. 22-23 दिसंबर की रात रामलला वहां विराजमान थे. 23 दिसबंर शुक्रवार था लेकिन रामलला की प्रतिमा होने की वजह से नमाज अदा नहीं की जा सकी

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CJI ने कहा- अब और समय नहीं दिया जा सकता

इसी बीच अपनी बात रखने के लिए अलग से याचिका दायर करने वालों को चीफ जस्टिस ने जिरह करने के लिए समय देने से इंकार कर दिया. कहा- अब ये समय नहीं दिया जा सकता.

calenderIcon 11:04 (IST)
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हिंदू पक्षकार की दलील- मुगलों ने जबरन बनवाई मस्जिद

सीएस वैद्यनाथन अपनी दलीलों के जरिये ये बता रहे है कि हिन्दू 1885 में रामचबूतरे पर तो पूजा कर ही रहे थे. वो केंद्रीय गुम्बन्द को श्रीराम का जन्मस्थान मानते हुए गुम्बद और चबुतरे को अलग करने रेलिंग पर भी पूजा करते थे लेकिन बाद में मुगलों ने जबरन मस्जिद बना दी थी. इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि रेलिंग को लेकर आपकी क्या स्थिति है.

calenderIcon 10:58 (IST)
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जिरह शुरू करते हुए वैद्यनाथन ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं, जिससे विवादित ज़मीन पर मुस्लिम पक्ष का दावा साबित हो सके

calenderIcon 10:55 (IST)
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वहीं रामलला विराजमान की ओर से सी एस वैद्यनाथन ने जिरह शुरू की है

calenderIcon 10:54 (IST)
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अभी तक सुन्नी वक्फ बोर्ड के अपील वापस लेने के कथित दावे पर कोई चर्चा कोर्ट रुम में नही हुई है

calenderIcon 10:53 (IST)
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सीजेआई ने कहा, अब आगे और वक्त नहीं दिया जा सकता. पक्षकारों का आज ही अपनी जिरह पूरी करनी होगी. 

calenderIcon 10:52 (IST)
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सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की आखिरी सुनवाई शुरू हो गई है. सीजेआई ने कहा आज शाद 5 बजे तक मामले में बहस पूरी करने के लिए कहा है.