Advertisment

15वां दिनः पूजास्थल को गिरा कर बनी इमारत शरीयत के हिसाब से मस्जिद नहींः हिंदू पक्ष

अयोध्या मामले की सुनवाई का आज 15वां दिन था. रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति (हिंदू पक्ष) के वकील पीएन मिश्रा ने दलील दी.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
15वां दिनः पूजास्थल को गिरा कर बनी इमारत शरीयत के हिसाब से मस्जिद नहींः हिंदू पक्ष

प्रतीकात्मक फोटो

Advertisment

अयोध्या मामले की सुनवाई का आज 15वां दिन था. रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति (हिंदू पक्ष) के वकील पीएन मिश्रा ने दलील दी कि जन्मस्थान पर इमारत थी, लेकिन उसे मस्जिद नहीं कह सकते हैं. जबरदस्ती कब्जा की गई जमीन पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती है. पूजास्थल को गिरा कर बनी इमारत शरीयत के हिसाब से मस्जिद नहीं है. ऐसे में विवादित ढांचे को इस्लामिक कानून के मुताबिक मस्जिद नहीं कहा जा सकता है.

यह भी पढ़ेंःED केस में चिदंबरम की गिरफ्तारी से राहत, सुप्रीम कोर्ट 5 सितंबर को सुनाएगा फैसला

पीएन मिश्रा ने आगे कहा कि 1860 तक विवादित जगह पर मुसलमानों द्वारा नमाज पढ़े जाने के कोई सबूत नहीं है. खुद उनका कहना है कि हर शुक्रवार को विवादित जगह को कुछ घंटों के लिए खोला जाता था. इस्लाम के मुताबिक ऐसी जगह जहां दिन में दो बार अजान के वक्त नमाज नहीं पढ़ी जाती, वो जगह मस्जिद तो नहीं हो सकती.

पीएन मिश्रा ने अपनी दलीलों को आगे बढ़ाते हुए कहा, मस्जिद हमेशा मस्जिद रहेगी, ये जरूरी नहीं है. पैगंबर मोहम्मद ने कहा था कि किसी का घर तोड़ कर वहां मस्जिद नहीं बनाई जा सकती. अगर ऐसा किया गया तो जगह वापस उसके हकदार को दे दी जाए. ये एक तरह से उनका वचन था. उनके अनुयायियों पर भी ये वचन लागू होता है.

यह भी पढ़ेंःसोहा अली खान ने बेटी इनाया की इस आदत का किया खुलासा

उन्होंने कोर्ट के सामने आगे कहा कि कानून के मुताबिक वक्फ बनाने वाले को जमीन का मालिक होना चाहिए. बाबर जमीन का मालिक नहीं था और ये बात इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले में मानी गई है कि बाबर उस जमीन का मालिक नहीं था और बाबर ने मस्जिद नहीं बनाई थी.

कोर्ट की टिप्पणी

सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की कि जहां इस्लाम में अल्लाह के आलावा किसी और की पूजा की मनाही है, वहीं हिंदू धर्म ये मानता है कि आप किसी भी तरह पूजा करे, किसी भी रूप में पूजा करे, वो अंततः एक ही परमशक्ति की आराधना होती है. इस मायने में हिंदू धर्म की मान्यता इस्लाम से अलग है. हिंदू ऐसी जगह भी पूजा कर सकते हैं, जहां नमाज पढ़ी गई हो.

संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, सोमवार से मुस्लिम पक्ष इस मामले में बहस शुरू करेगा. लिहाजा उम्मीद है कि शनिवार को हिंदू पक्षकारों की जिरह पूरी हो सकती है.

hindu party ram-mandir Ram Temple Nirmohi Akhada Ayodhya Case In Supreme Court
Advertisment
Advertisment
Advertisment