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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट को दिये आदेश में कहा कि वह 10 दिनों के भीतर ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) नियुक्त करें।
इलाहाबाद हाईकोर्ट रजिस्ट्री की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने बताया कि मौजूदा एक पर्यवेक्षक टीएम खान रिटायर हो चुके हैं। जबकि दूसरे ऑब्जर्वर एसके सिंह हाईकोर्ट के जज बन चुके हैं।
जिसपर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि वह 10 दिनों के भीतर दो पर्यवेक्षक नियुक्त करें। सुप्रीम कोर्ट ने 6 जिलों के जजों की सूची इलाहाबाद हाईकोर्ट को वापस भेजी है।
Ayodhya land dispute matter: Supreme Court asks Chief Justice of Allahabad High Court to appoint new observers within 10 days.
— ANI (@ANI) September 11, 2017
पर्यवेक्षक हर दो सप्ताह में अयोध्या जाकर जगह का निरीक्षण करते हैं।
इस संबंध में एक मुद्दई की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया। कपिल सिब्बल ने कहा था कि टीएम खान और एसके सिंह 2003 से ऑब्जर्वर हैं और उन्हें ही रहने दिया जाए।
वहीं सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि एक पद पर नहीं हैं और वह ऑब्जर्वर आगे नहीं रह सकते हैं।
आपको बता दें कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले की सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर से सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के इस भूमि विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई के लिए पीठ बनाई है।
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हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि विवादित भूमि को संबद्ध पक्षों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर-बराबर बांट दिया जाए। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है।
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Source : News Nation Bureau