कश्मीर की आयशा अज़ीज बनी MIG 29 उड़ाने वाली भारत की पहली महिला फाइटर पायलट

21 साल की आयशा को यदि रशियन सोकुल एयरबेस मिग-29 फाइटर जेट उड़ाने की योजना पूरी हो जाती है तो वह ध्वनि की गति से तेज चलने वाले फाइटर प्लेन को उड़ाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बन जाएंगी.

21 साल की आयशा को यदि रशियन सोकुल एयरबेस मिग-29 फाइटर जेट उड़ाने की योजना पूरी हो जाती है तो वह ध्वनि की गति से तेज चलने वाले फाइटर प्लेन को उड़ाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बन जाएंगी.

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vineet kumar1
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कश्मीर की आयशा अज़ीज बनी MIG 29 उड़ाने वाली भारत की पहली महिला फाइटर पायलट

MIG 29 उड़ाने वाली भारत की पहली महिला फाइटर पायलट बन सकती है कश्मीर की आयशा अज़ीज

जिस उम्र में भारत के अधिकांश बच्चे इस बात को तय नहीं कर पाते कि वे साइंस लेंगे, कॉमर्स लेंगे या फिर आर्ट्स। ठीक उसी उम्र में आयशा अजीज हवाई उड़ान भरने का लाइसेंस हासिल कर चुकी थीं। आज आएशा की उम्र 21 साल है और भारत में सबसे कम उम्र की पायलट होने का रिकॉर्ड उनके नाम है।

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कश्मीर के बारामूला जिले के रहने वाली आयशा अजीज को जब पिछले हफ्ते ही पायलट का कमर्शियल लाइसेंस मिला तो उन्हें लगा कि उनका सपना पूरा होने जा रहा है। आयशा ने बताया कि वह मिग 29 में उड़ान भरने के लिए रूसी एजेंसी से बात कर रही हैं। 

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21 साल की आयशा को यदि रशियन सोकुल एयरबेस मिग-29 फाइटर जेट उड़ाने की योजना पूरी हो जाती है तो वह ध्वनि की गति से तेज चलने वाले फाइटर प्लेन को उड़ाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बन जाएंगी। 

आयशा ने इसके लिए स्कूल से ही ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी। जब वह 16 साल की थीं, तभी बॉम्बे फ्लाइंग क्लब से उन्होंने स्टूडेंट पायलट लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। इसके बाद 2012 में नासा से उन्होंने दो महीने का अतरिक्ष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा किया। वह तीन भारतीयों में चुनी गई थीं।

वे इस बीच नासा के जॉन मैक्ब्राइड नामक एविएटर से मिलीं। हालांकि साल 2013-2014 में भारत आईं सुनीता विलियम्स को वो हमेशा खास मानती हैं। वे उन्हे प्रेरणा का स्त्रोत मनती रही हैं।

आएशा न सिर्फ एक पायलट हैं बल्कि वह टीवी पर आने वाले कुछ विज्ञापनों के अलावा कई बड़ी मैगजीन्स के फोटोशूट का भी हिस्सा रह चुकी हैं। उन्हें आज फर्राटे से हवाई उड़ान भरते देखा जा सकता है।

आएशा ने दसवीं की परीक्षा पूरी करते ही फ्लाइंग स्कूल ज्वाइन कर लिया था और महज 16 साल की उम्र में उन्हें स्टूडेंट लाइसेंस मिल गया था। साल 2013 मे किन्हीं आर्थिक दिक्कतों से उन्हें लाइसेंस लेने में देरी का सामना करना पड़ा था।

उनके माता-पिता कश्मीर के रहने वाले हैं, आयशा ने कश्मीर लड़कियों के लिए मैसेज भी दिया कि उन्हें अपने सपनों का पीछा करना होगा. अपने जीवन में लक्ष्य रखें और उन्हें पूरा करें.

Source : News Nation Bureau

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