अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के आरोपी राजीव सक्सेना ने कहा, गवाह बनने का फैसला सोच-समझकर लिया, मुझपर कोई दबाव नहीं
मुझे न तो किसी तरह का लालच दिया गया है और न ही मुझे इसकी कोई आस है.
नई दिल्ली:
अगस्ता वेस्टलैंड (Augusta Westland) केस में सरकारी गवाह बनने को तैयार आरोपी राजीव सक्सेना का कहना है कि इस बारे में उन्होंने बहुत सोचा. मुझे विश्वास था कि मेरे खिलाफ बहुत बड़ा केस नहीं है. मेरा इस केस में बहुत बड़ा रोल नहीं है. साथ ही जांच एजेंसियों के साथ सहयोग न करने की भी मेरी कोई मंशा नहीं है. राजीव सक्सेना ने कहा, मेरे ऊपर कोई प्रेशर नहीं है और न ही किसी तरह का दबाव है. मुझे न तो किसी तरह का लालच दिया गया है और न ही मुझे इसकी कोई आस है.
#AgustaWestland case accused Rajiv Saxena: I have thought long and hard. Confident that my exposure to the case is very minimal. No intention to not cooperate. Logical consequence to give testimony in the case. No pressure. No assurance given & none sought by me. (file pic) pic.twitter.com/hIYhpitYtx
— ANI (@ANI) February 28, 2019
इससे पहले 27 फरवरी को अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में आरोपी राजीव सक्सेना ने सरकारी गवाह बनने के लिए दिल्ली के पाटियाला हाउस कोर्ट में आवेदन किया था. राजीव शमशेर बहादुर सक्सेना 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर धन शोधन मामले में वांछित है और लॉबिस्ट दीपक तलवार विदेशी फंडिंग के जरिए प्राप्त 90 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का दुरुपयोग करने के मामले में ईडी तथा सीबीआई की वांछित सूची में है.
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क्या है वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा घोटाला
भारत ने करार की शर्तों के कथित उल्लंघन और 423 करोड़ रुपये रिश्वत देने के आरोपों में एक जनवरी, 2014 को फिनमेक्के निका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ करार रद्द कर दिया था. यह करार वायुसेना को 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए था. CBI के मुताबिक, त्यागी ने करार के बिंदुओं में बदलाव के लिए कथित रूप से बिचौलियों और कई देशों में स्थित कंपनियों के एक नेटवर्क के माध्यम से अगस्ता वेस्टलैंड से करोड़ों रुपये रिश्वत लिए थे.
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हेलीकॉप्टरों की उड़ान क्षमता मूल रूप से प्रस्तावित 6,000 मीटर से घटा कर 4,500 मीटर कर दी गई और केबिन की ऊंचाई घटाकर 1.8 मीटर कर दी गई थी. ईडी ने 3,600 करोड़ रुपये के इस सौदे में हुई गड़बड़ी मामले में अपने आरोप-पत्र में भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी, उनके चचेरे भाई संजीव त्यागी, वायुसेना के तत्कालीन वाईस चीफ जे एस गुजराल और वकील गौतम खेतान के नाम को शामिल किया था. आरोप-पत्र में खेतान को इस सौदा के पीछे का मुख्य व्यक्ति बताया गया था.
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