वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से फाइल पेश करने को कहा

वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील मामले में छत्तीसगढ़ की रमन सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है।

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sankalp thakur
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वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से फाइल पेश करने को कहा

वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील मामले में छत्तीसगढ़ की रमन सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से कई तीखे सवाल पूछे और डील से जुड़े दस्तावेज तलब कर लिए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि टेंडर सिर्फ ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर के लिए क्यों जारी किया गया।

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दूसरी कम्पनियों को इसमे शामिल क्यों नही किया गया। कोर्ट ने ये भी पूछा कि क्या टेंडर प्रक्रिया को लेकर प्रिंसीपल सेक्रेटरी की राय को नजरअंदाज किया गया। कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले की तकनीकी पहलुओं पर नही जाना चाहता, पर ये देखना जरुर चाहता है कि क्या इस डील में किसी तरह का फ्रॉड हुआ है।

राज्य सरकार, याचिकाकर्ता और अटॉर्नी जनरल की दलील

याचिकाकर्ता स्वराज अभियान की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सिर्फ अगुस्ता वेस्टलैंड को डील तय कराने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किये गए थे, बेल और यूरोकॉप्टर जैसी दूसरी कंपनियों को शामिल नहीं किया गया।

कमीशन के तौर करोड़ो की रकम ली गई और इसी बीच रमन सिंह के बेटे ने विदेश में बैंक खाता भी खोला गया। प्रशांत भूषण ने दावा किया कि कम्पनी को फायदा पहुचाने के मकसद से 5 मिलियन डॉलर से कहीं ज़्यादा कीमत पर हेलिकॉप्टर खरीदे गए। जबकि झारखंड ने अपेक्षाकृत कम कीमत पर चॉपर खरीदे है।

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महेश जेठमलानी ने दलील दी कि राज्य सरकार चीफ पायलट और सिविल एविएशन सेक्रेटरी की सिफारिशों पर काम कर रही थी। जिस तरह के हेलिकॉप्टर की जरूरत छत्तीसगढ़ सरकार को थी, वैसे हेलिकॉप्टर सिर्फ अगुस्ता वेस्टलैंड ही बनाती है।

दूसरी कोई और कंपनी इस कसौटी पर खरी नही उतरती है। वही केंद्र सरकार की ओर से अटॉनी जनरल वेणुगोपाल ने कहा कि जिन दस्तावेजों के आधार पर याचिका दाखिल की गई है, वो बेहद गोपनीय है।

पहले भी इस तरह के गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर याचिका दाखिल होती रही है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि इन गोपनीय दस्तावेजों का सोर्स क्या है। क्या इन्हें गैरकानूनी तरीको से तो नहीं हासिल किया जा रहा।

इससे पहले भी केंद्र सरकार इस आधार पर विरोध कर चुकी है कि स्वराज अभियान एक राजनैतिक दल है, उसके अपने राजनैतिक स्वार्थ है और उसकी याचिका को जनहित याचिका के रूप में नहीं सुना जाना चाहिए।

मामला क्या है

स्वराज अभियान की ओर से दायर याचिका में इस डील में हुई कथित गड़बड़ियों और रमन सिंह के बेटे के विदेशी खातों की जांच की मांग की गई है। मामला 2006-2007 में छत्तीसगढ़ में अगुस्ता वेस्टलैंड कंपनी के हेलीकॉप्टर की खरीद का है।

याचिकाकर्ता स्वराज अभियान ने आरोप लगाया है कि इस सौदे में लगभग 10 करोड़ रुपए की कमीशनखोरी हुई है। कमीशन खोरी के चक्कर में 17 करोड़ तक हो सकने वाले सौदे के लिए 42 करोड़ तक दिए गए। मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे भी विवाद में आ गए जब डील के छह महीने बाद उन पर शैल कम्पनी बनाने का आरोप लगा।

Source : Arvind Singh

Augusta Westland Case SC chhattisgarh
      
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