प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि हमारे लोगों के संघर्षो और बलिदानों की याद में 14 अगस्त को विभाजन विभिषका स्मृति दिवस या पाट्रिशन हॉर्स रिमेंबरेंस डे के रूप में मनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि यह न केवल हमें भेदभाव, दुश्मनी और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए प्रेरित करेगा, बल्कि यह एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को भी मजबूत करेगा।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने आगे कहा, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।
ऐसा अनुमान है कि 1947 में देश के विभाजन के दौरान 10 से 20 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी।
सबसे हिंसक संघर्ष पंजाब के आसपास केंद्रित थे, जहां पूर्वी पंजाब की मुस्लिम आबादी को जबरन वहां निष्कासित कर दिया गया था।
विभाजन ने धार्मिक आधार पर 1 से 2 करोड़ लोगों को विस्थापित किया, जिससे भारी शरणार्थी संकट पैदा हो गया था।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS