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राष्ट्रपति चुनाव: महागठबंधन में दरार, नीतीश ने कहा- सिद्धांतों से नहीं कर सकता समझौता

बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए (नैशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दिए जाने के मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक भाषण सामने आया है, जिसमें वह कोविंद को समर्थन दिए जाने को लेकर पार्टी के नेताओं और अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।

Updated on: 03 Jul 2017, 09:14 AM

highlights

  • नीतीश ने कहा अगर आरजेडी ने उन्हें बुलाया तो वह पटना की रैली में जरूर शामिल होंगे
  • पार्टी नेताओं और अधिकारियों की बैठक में कांग्रेस पर जमकर बरसे कुमार

नई दिल्ली:

बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए (नैशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दिए जाने के मामले में चल रही बयानबाजी के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर पलटवार किया है।  

नीतीश ने कहा, 'कोविंद जी का अच्छा प्रदर्शन था बिहार में, इसलिए हमने उनको समर्थन दिया।' उन्होंने कहा कि कोविंद को समर्थन देने के मामले में उन पर तरह-तरह के आरोप लगाए लेकिन वह इन आरोपों का जवाब दे सकते थे। मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम किसी के पिछलग्गू नहीं है। जो होना होगा, सो होगा। हमारा एक सिद्धांत है और वह अटल है।'

सिद्धांतों को लेकर गुलाम नबी आजाद की तरफ से आरोप लगाए जाने पर नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर निशाना साधा। कुमार ने कहा, 'मैं नहीं आप सिद्धांत बदल रहे हैं। लोहिया जी ने कांग्रेस को सरकारी गांधीवादी कहा था।'

गौरतलब है कि कोविंद को समर्थन दिए जाने के बाद आजाद ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था जिनके एक सिद्धांत होते हैं वह एक फैसला करते हैं लेकिन जिनके कई सिद्धांत होते हैं, वह कई फैसले करते हैं।

नीतीश ने कहा, 'मैं 22 तारीख की बैठक में जाने वाला था, लेकिन गुलाम नबी आजाद ने जो इफ्तार में बयान दिया, उसकी वजह से मैं बैठक में शामिल नहीं हुआ।' वह कह रहे हैं, 'मैं किसी की खुशामद करने वाला व्यक्ति नहीं हूं। मैं खुशामद में नहीं काम में विश्वास रखता हूं। आप को जो करना है करो, मैं सिद्धांत से समझौता नहीं करुंगा।' इसके साथ ही वह पार्टी को दूसरे के मुद्दे में नहीं उलझने की सलाह देते हुए सुने जा सकते हैं।

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गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को तय किए जाने के लिए कांग्रेस की अगुवाई में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक से पहले ही कोविंद को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था, जिसके बाद महागठबंधन में सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस ने कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इतना ही नहीं इस समर्थन के बाद महागठबंधन में टूट की खबरें सामने आनी लगी थी।

अब कुमार पटना में आरजेडी की होने वाली रैली से भी किनारा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आरजेडी की रैली में जेडी-यू नेताओं को बोलने की क्या जरूरत है। सभी दलों का अपना-अपना कार्यक्रम होता है। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बुलाया जाता है तो वह जरूर शामिल होंगे। उन्होंने कहा, 'अगर राष्ट्रीय जनता दल उन्हें रैली में बुलाती है तो वह जरूर जाएंगे।'

कांग्रेस पर तंज कसते हुए कुमार ने कहा, 'पार्टी को जिससे भिड़ना चाहिए था, उससे नहीं भिड़ी बल्कि किसी और से भिड़ गई।' जीएसटी के मामले में भी उन्होंने पार्टी के सामने सफाई दी। 

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कुमार ने कहा कि हम यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के समय से जीएसटी के पक्ष में है और आज भी है। उन्होंने कहा, 'जीएसटी से बिहार को फायदा होगा।' उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद भी बीजेपी यूपी जीतने में सफल रही।

गौरतलब है कि नोटबंदी के मामले में भी कुमार ने महागठबंधन के सहयोगी दलों से इतर जाते हुए बीजेपी का समर्थन किया था। नोटबंदी के बाद यह दूसरी बार है जब कुमार ने महागठबंधन के रुख के उलट फैसला लिया है। 

इस दौरान नीतीश ने बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) पर गाय की राजनीति करने को लेकर भी निशाना साधा। नीतीश ने कहा, 'बीजेपी गाय की बात करती है। लेकिन वह सड़क पर घूम रही गायों की बात क्यों नहीं करते हैं। बिहार के मुकाबले यूपी की सड़कों पर ज्यादा गाएं हैं।'

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