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हमारे छात्र पर हमले को गंभीरता से लेना चाहिए : भारत

भारत ने शुक्रवार को कहा कि आगरा के एक 28 वर्षीय छात्र पर छह अक्टूबर को हुए दुर्भाग्यपूर्ण हमले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा, भारतीय नागरिक अस्पताल में है, उसका इलाज जारी है.. कैनबरा में हमारा उच्चायोग और सिडनी में वाणिज्य दूतावास स्थानीय अधिकारियों और यहां के परिवार के साथ निकट संपर्क में है. हमारे अधिकारी उनसे अस्पताल में मिले हैं. हमारी अपेक्षा है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

Updated on: 14 Oct 2022, 05:26 PM

नई दिल्ली:

भारत ने शुक्रवार को कहा कि आगरा के एक 28 वर्षीय छात्र पर छह अक्टूबर को हुए दुर्भाग्यपूर्ण हमले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा, भारतीय नागरिक अस्पताल में है, उसका इलाज जारी है.. कैनबरा में हमारा उच्चायोग और सिडनी में वाणिज्य दूतावास स्थानीय अधिकारियों और यहां के परिवार के साथ निकट संपर्क में है. हमारे अधिकारी उनसे अस्पताल में मिले हैं. हमारी अपेक्षा है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

28 वर्षीय शुभम गर्ग, जो न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहा है, जब वह अपने निवास स्थान पर लौट रहा था उसके चेहरे, छाती और पेट पर कई बार चाकू से वार किया गया.

एक 27 वर्षीय व्यक्ति डैनियल नॉरवुड को घटनास्थल पर गिरफ्तार किया गया और उसे चैट्सवुड पुलिस स्टेशन ले जाया गया जहां उस पर हत्या के प्रयास का एक आरोप लगाया गया.

हॉर्नस्बी लोकल कोर्ट में पेश होने पर नॉरवुड को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था. द ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 14 दिसंबर को अगली अदालत में पेशी के साथ वह हिरासत में रहेगा.

द ऑस्ट्रेलिया टुडे ने स्थानीय मीडिया रिपोटरें के हवाले से कहा कि नॉरवुड ने कथित तौर पर गर्ग को पैसे और फोन की मांग करते हुए धमकाया. जब उसने इनकार कर दिया तो हमलावर ने कथित तौर पर उसके पेट में कई बार वार किए.

जबकि गर्ग के परिवार ने उनके बेटे के खिलाफ हमले को नस्लवाद कहा.

हमने ऑस्ट्रेलियाई उच्च न्यायालय से वीजा प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा है ताकि परिवार के सदस्य तत्काल जा सकें.