पश्चिम बंगाल के झारग्राम जिले की एक अदालत ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमले के सिलसिले में गिरफ्तार तीन कुर्मी नेताओं और कुर्मी समुदाय के आठ अन्य लोगों की सीआईडी हिरासत से इनकार कर दिया।
जिला अदालत ने गिरफ्तार सभी 11 लोगों को 12 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
दूसरी बार कोर्ट ने उनकी कस्टडी मांगने वाली सीआईडी की अर्जी खारिज कर दी।
26 मई को पश्चिम मिदनापुर जिले के सालबोनी में उनके जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमला किया गया था। हमले में काफिले में शामिल पश्चिम बंगाल के मंत्री बीरबाहा हांसदा का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।
अगले ही दिन उसी स्थान पर एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा और केंद्र सरकार अन्य आदिवासी समुदायों के लोगों के खिलाफ कुर्मी को भड़का कर पश्चिम बंगाल में मणिपुर जैसी हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है।
इस बीच, बुधवार को कुर्मी नेता अजीत महतो ने दावा किया कि राज्य प्रशासन कुर्मी और संथाल समुदायों के लोगों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा था और साजिश का मुख्य दिमाग कोलकाता से संचालित हो रहा था।
उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में कुर्मी समुदाय का आंदोलन अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने और इस सिलसिले में गिरफ्तार उनके नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर जारी रहेगा।
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Source : IANS