जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, न्‍यायिक आयोग के गठन की मांग

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर धारा 144 को हटाने, मोबाइल-इंटरनेट सेवा, टीवी चैनल के प्रसारण को बहाल करने की मांग की गई है.

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Sunil Mishra
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जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, न्‍यायिक आयोग के गठन की मांग

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

जम्‍मू-कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 हटाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर धारा 144 को हटाने, मोबाइल-इंटरनेट सेवा, टीवी चैनल के प्रसारण को बहाल करने की मांग की है. याचिका में 4 अगस्त के बाद से हिरासत में लिए गए राजनेताओं की रिहाई की मांग की गई है. याचिका के जरिए हालात की समीक्षा के लिए न्यायिक आयोग के गठन की भी मांग की है. तहसीन पूनावाला का कहना है कि इस तरह के प्रतिबंध संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत मिले मूल अधिकारों के खिलाफ हैं.

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याचिका में मांग की गई है कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्थिति का पता लगाने के लिए न्यायिक आयोग गठित किया जाए. ये हालात अनुच्छेद- 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 21 (नागरिकों को जीने का अधिकार) का सीधे तौर पर उल्लंघन है. पूनावाला का दावा है कि राज्‍य में अभी बुनियादी स्वास्थ्य सेवा, शैक्षणिक संस्थान, बैंक, सार्वजनिक कार्यालय, खाद्य-सब्जियां और राशन आपूर्ति तक वर्जित हैं. बुनियादी जरूरतों को भी प्रतिबंधित किया गया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर का दौरा करने और जमीनी हालात का पता लगाने और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक न्यायिक आयोग की नियुक्ति की मांग की गई है.

दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने बकरीद के मौके पर राज्‍य में पाबंदियों में ढील दे सकती है. यह ढील किस तरह से दी जाएगी, इस बारे में पता नहीं चल पाया है. बकरीद का त्यौहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा. 5 अगस्‍त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का फैसला किया गया था. इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने ये पाबंदियां लगाई गई थीं.

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एक अधिकारी ने बताया कि सरकार बकरीद के मौके पर कश्मीर घाटी में पाबंदियों में ढील देने का मन बना रही है, ताकि लोग बकरीद मना सकें. यह भी कहा जा रहा है कि हो सकता है कि सरकार पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को तत्काल रिहा नहीं करेगी. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही नेताओं को रिहा किया जा सकेगा.

HIGHLIGHTS

  • बकरीद के मौके पर पाबंदियों में ढील दे सकती है सरकार
  • पूर्व सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला और महबूबा मुफ्ती को अभी नहीं छोड़ेगी सरकार
  • हालात की समीक्षा करने के बाद ही इन्‍हें छोड़ा जाएगा 

Source : Arvind Singh

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