पत्रकारों को 'बच्चा' कहते थे अटल बिहारी वाजपेयी, मुशर्रफ को धोखेबाज बोल कहा- हेडलाइन दे दी तुम्हारी
न्यूज नेशन के मैनेजिंग एडिटर अजय कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि वह पत्रकारों को प्यार से 'बच्चा' बुलाया करते थे।
नई दिल्ली:
देश के महान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम निधन हो गया। वाजपेयी केवल जनता के ही नहीं बल्कि पत्रकारों के भी प्रिय नेता थे। उनके निधन के बाद कई वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वाजपेयी कितने प्यार और आसानी से उनसे बात करने के लिए तैयार हो जाते थे।
न्यूज नेशन के मैनेजिंग एडिटर अजय कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि वह पत्रकारों को प्यार से 'बच्चा' बुलाया करते थे। कुमार कहते है कि अटल बिहारी के एक लाइन के जवाब, प्यार भरी निगाह को नहीं भुलाया जा सकता है।
अजय कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अपने एक अनुभव को साझा करते हुए कहा, 'साल 2002 में आगरा की शिखर वर्ता के फेल हो जाने के बाद क्वालालांपुर-मलेशिया में तत्कालीन पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ मुलाकात होनी थी। मुशर्रफ का इंटरव्यू लेने के बाद अचानक की कनवेंशन हाल में वाजपेयी जी के साथ मेरी अपने साथी एम के झा के साथ मुलाकात हो गई। वह एक यादगार अनुभव है। मैं उनसे एक कोट लेने के लिए उनके पीछे भागता हुआ गया। मैं पीछे से चिल्ला रहा था - अटल जी, सर-सर। मुझ हांफते हुए युवा लड़के के पास वह रुके और कहा- तेज से भी ज्यादा तेज। इतने तेज की तेजी भी थक जाए। बोलो।'
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अजय बताते है, 'मैंने कहा, बस दो सवाल, हेडलाइन मेरी हो जाएगी। उनका जवाब था, मुशर्ऱफ का तो इंटरव्यू करतो चुके हो, और कितनी हेडलाइन चाहिए। मैंने पूछा, 'आगरा क्या गलती थी। उन्होंने कहा- फैसले गलत नहीं होते, वक्त तय करेगा,मुशर्ऱफ ने धोखा दिया है।'
अटल जी को याद करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने कहा कि उनके चेहरे पर मुस्कान और आंखों में चमक थी। अटल जी ने आगे कहा, 'बच्चे बदमाश हो गए है, हेडलाइन दे दी तुम्हारी।'
उनका पीठ थपथपना हम बच्चों को उनका प्यार देना था।
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स्वास्थ्य संबंधी समस्या की वजह से लगभग एक दशक से सार्वजनिक जीवन से दूर पूर्व प्रधानमंत्री को मूत्र मार्ग में संक्रमण की वजह से 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वाजपेयी के निधन के बाद पूरे देश और दुनिया में शोक की लहर है। वाजपेयी का अंतिम संस्कार शुक्रवार शाम 4 बजे विजय घाट पर होगा और दोपहर 1 बजे से अंतिम यात्रा निकाली जाएगी।
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