महंगाई दर में ऐतिहासिक गिरावट के बाद RBI पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव, एसोचैम ने की मांग
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर होने वाली बैठक से ठीक पहले औद्योगिक संगठन ने ब्याज दरों में कम से कम 25 आधार अंकों की कटौती किए जाने की अपील की है।
highlights
- महंगाई में ऐतिहासिक गिरावट के बाद RBI पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव
- आरबीआई ने सात जून की बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था
नई दिल्ली:
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर होने वाली बैठक से ठीक पहले औद्योगिक संगठन ने ब्याज दरों में कम से कम 25 आधार अंकों की कटौती किए जाने की अपील की है।
गौरतलब है कि जून महीने में खुदरा महंगाई दर 1.54 फीसदी दर्ज की गई जो कि 1999 के बाद से सबसे कम है। पिछले साल की समान अवधि में देश की खुदरा महंगाई दर 5.77 फीसदी रही थी। हालांकि पिछले साल नवंबर महीने में नोटबंदी की घोषणा के बाद से महंगाई दर में लगातार गिरावट आई है।
खुदरा महंगाई दर में गिराव आने के बाद से ही आरबीआई पर ब्याज दों में कटौती करने का दबाव है। महंगाई दर में आई गिरावट कमजोर मांग और कमजोर आर्थिक गतिविधि की तरफ इशारा करती है।
एसोचैम के मुताबिक पांच सालों के दौरान महंगाई के निचले स्तर और फैक्ट्री आउटपुट के शानदार रहने की वजह से रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए।
एसोचैम ने कहा, 'पांच साल में महंगाई दर के न्यूनतम स्तर और फैक्टरी आउटपुट की घोषणा के मद्देनजर एसोचैम ने आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल से अनुरोध किया है कि दो अगस्त को जब आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक हो तो मजबूत संदेश देते हुए आरबीआई ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती का फैसला करे।'
एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने आरबीआई गवर्नर को लिखी चिट्ठी में कहा, 'लंबे समय तक रेपो रेट में कोई बदलाव न करने के बाद एसोचैम का मानना है कि आरबीआई नीतिगत दरों में कटौती कर सकती है।'
जून, 2017 में भारत की महंगाई दर घटकर 1.54 फीसदी रह गई। वहीं औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों के मुताबिक मई, 2017 में फैक्टरी उत्पादन विकास दर घटकर 1.7 फीसदी रह गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह आठ फीसदी था।
न्यूनतम स्तर पर खुदरा महंगाई दर, औद्योगिक उत्पादन घटा
एसोचैम ने कहा है, 'थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) भी 2.17 फीसदी से घटकर 0.9 फीसदी हो गया। खाद्य महंगाई दर के भी 2.12 फीसदी से घटकर 0.31 फीसदी रह जाने से आरबीआई को कटौती करने में सहूलियत होगी। मानसून में अच्छी बारिश की भविष्यवाणी से खाद्य महंगाई में कमी आने की संभावना को बल मिला है।'
आरबीआई ने सात जून की बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था।
2000 का नोट बंद होने की जानकारी नहीं, जल्द आएगा 200 का नोट: गंगवार
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट