पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा का राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है। जहां बीजेपी नोटबंदी के दम पर चुनावों में जीत पाने को लेकर आश्वस्त है वहीं कांग्रेस ने कहा है कि निष्पक्ष चुनाव कराने की चुनाव आयोग से गुजारिश की है।
बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहा राव ने कहा, "राज्यों के चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं....बीजेपी के प्रति देश के लोगों में एक सकारात्मकता दिख रही है जो हमने नोटबंदी के बाद महसूस किया है.... हमजीत के प्रति आश्वस्त हैं।"
उन्होंने कहा कि स्थानीय चुनावों और उप चुनावों में पार्टी को मिली जीत के आधार पर हमें विश्वास है कि विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में बीजेपी मज़बूत स्थिति में नहीं है फिर उप चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने चुनाव को लोकतंत्र का यज्ञ करार दिया और चुनाव आयोग से निष्पक्ष चुनाव कराने का निवेदन किया। उत्तराखंड और मणिपुर में पार्टी की कोशिश होगी कि वो दोबारा सत्ता में आए।
उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि चुनावों में ताकत, सरकारी दखलंदाजी, पैसे का गलत इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी।"
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब और गोवा में स्थिति खराब है, जहां बीजेपी सत्ता में है। उन्होंने कहा कि चुनावों में जनता बीजेपी के सत्ता से बाहर कर देगी और उनके पार्टी के नेतृत्व में एक ईमानदार सरकार सत्ता में आएगी।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि उत्तर भारत के राज्यों और गोवा में पार्टी चुनावों के लिये तैयार है।
हाल ही में समाजवादी पार्टी से निकाले गए सासंद नरेश अग्रवाल ने कहा कि चुनावों के दौरान केंद्र सरकार बजट पेश करने जा रहा है वो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग से कहेगी जिस तरह से 2012 में बजट सत्र को आगे बढ़ाया गया था वैसे ही इस बार भी किया जाए।
बीएसपी नेता सुधींद्र भदोरिया ने समाजवादी पार्टी और बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि दोनों ही दलों के फैसलों के कारण जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नोटबंदी और समाजवादी पार्टी के गुंडाराज की वजह से लोग परेशान हैं और बीएसपी चुनावों की घोषणा का ही इंतजार कर रही थी।
Source : News Nation Bureau