चुनाव के बीच बजट को लेकर सवालिया निशान, जानिए क्या कहते हैं विपक्षी दल और सरकार
4 जनवरी से लागू चुनावी आचार संहिता, 11 फरवरी को पहला विधानसभा चुनाव, 1 फरवरी को पेश होगा आम बजट
नई दिल्ली:
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है। फरवरी से मार्च के बीच सम्पन्न होने वाले इस चुनाव के दौरान ही बजट भी पेश होना है। उठते सवालों के बीच वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि बजट को लेकर विपक्ष का विरोध सही नहीं है।
4 फरवरी को पहली वोटिंग होगी लेकिन केंद्र सरकार ने 1 फरवरी को आम बजट पेश करने की घोषणा की है। परंपरागत रूप से आम बजट 28-29 फरवरी को पेश किया जाता रहा है। बजट में सरकार कई योजनाओं की घोषणा करती है और जनता को कई किस्म की छूट भी दी जाती है। ऐसे में आचार संहिता का पालन और बजट पेश करने में आने वाली अड़चन को लेकर आयोग क्या करेगा।
बजट में कई लोक लुभावनी घोषणाएं भी की जाती हैं और सरकार बजट से जनता को लुभाने की कोशिश भी करती है। बजट औक आचार संहिता के पालन में टकराव भी हो सकता है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से जब पूछा गय़ा कि क्या इससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होगा तो उन्होंने कहा कि आयोग इसकी समीक्षा करेगा।
वहीं, राजनीति के जानकारों का कहना है कि भाजपा पाँच राज्यों में चुनावों के मद्देनजर बजट करीब एक महीने पहले करने की तैयारी में हैं। कांग्रेस, आप समेत कई राजनीतिक दलों को लगता है कि इससे भाजपा को पांच राज्यों में चुनावी फायदा मिलने की संभावना है। हालांकि इस मुद्दे की समीक्षा के बाद चुनाव आयोग क्या फैसला लेता है यह भी गौर करने वाली बात होगी।
हो सकता है कि बजट कुछ दिनों के लिए टाल दिया जाए। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस समेत 16 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति और चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि तय वक्त से पहले बजट पेश होने का फायदा भाजपा को राज्यों में विधानसभा चुनावों में होगा। इसीलिए उन्होंने राष्ट्रपति और चुनाव आयोग से गुहार लगाई है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सरकार को जल्दी बजट पेश करने की मंशा पर रोक लगाई जाए।
विपक्ष ने कहा है कि इससे पहले भी चुनावों को ध्यान में रखकर बजट देरी से पेश किया जा चुका है। साल 2012 में पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते हुए यूपीए-2 की सरकार ने भी अपना बजट कुछ दिनों के लिए टाल दिया था और इसे 16 मार्च को पेश किया गया था। इसीलिए विपक्ष चाहता है कि भाजपा सरकार भी पाँच राज्यों के चुनाव को देखते हुए कुछ दिन के लिए बजट टाल दे।
ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग क्या समीक्षा करेगा और क्या 1 फरवरी को तय आम बजट पेश होगा या फिर टाला जाएगा।
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