असम हिंसा : सरकार ने खुफिया विफलता स्वीकार की, सोशल मीडिया पर नजर

असम सरकार ने सोमवार को स्वीकार किया कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बारे में उनके पास खुफिया जानकारी नहीं थी. राज्य सरकार ने कहा कि वह सोशल नेटवर्किंग साइट पर नजर रख रही है ताकि नफरत फैलाने वाले सं

असम सरकार ने सोमवार को स्वीकार किया कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बारे में उनके पास खुफिया जानकारी नहीं थी. राज्य सरकार ने कहा कि वह सोशल नेटवर्किंग साइट पर नजर रख रही है ताकि नफरत फैलाने वाले सं

author-image
nitu pandey
New Update
असम हिंसा : सरकार ने खुफिया विफलता स्वीकार की, सोशल मीडिया पर नजर

असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा( Photo Credit : फाइल फोटो)

असम सरकार ने सोमवार को स्वीकार किया कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बारे में उनके पास खुफिया जानकारी नहीं थी. राज्य सरकार ने कहा कि वह सोशल नेटवर्किंग साइट पर नजर रख रही है ताकि नफरत फैलाने वाले संदेशों का पता लगाया जा सके.

Advertisment

असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रशासन ने नौ दिसम्बर के बाद से कम से कम 206 पोस्ट का पता लगाया है जो कानून-व्यवस्था के मुद्दे से जुड़े हुए हैं. इसमें ‘फेक न्यूज’ भी शामिल हैं. खुफिया विफलता पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘असम पुलिस के किसी भी अधिकारी ने नहीं सोचा था कि कोई भी सचिवालय को जलाने के बारे में सोचेगा. हमने कभी नहीं सोचा था कि विपक्ष के नेता सड़क पर मंच जलाकर उसे फेसबुक लाइव करेंगे.’

सरमा ने कहा, ‘हमारे पास ऐसी सूचना नहीं थी. अगर आप कहते हैं कि वह विफलता है तो हां, हम उसका आकलन करने में विफल रहे.’

इसे भी पढ़ें:तेजस्वी यादव ने हेमंत सोरेन को दी बधाई, कहा- समर शेष ना तब था ना अब है भाई

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया कि कांग्रेस के एक धड़े, ‘‘शहरी नक्सली’’ और इस्लामी संगठन पीएफआई के बीच ‘‘खतरनाक गठजोड़’’ हो सकता है जिसने 11 दिसम्बर को प्रदर्शन के दौरान राज्य सचिवालय को जलाने का प्रयास किया और एनआईए को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है. सरमा ने पहले दावा किया था कि असम युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कमरूल इस्लाम चौधरी के दिसपुर में जी एस रोड पर राज्य सचिवालय पर हमले में शामिल होने के साक्ष्य हैं और आरोप लगाया कि उन्होंने गुवाहाटी में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के दौरे के लिए बनाए गए मंच में आग लगाई थी.

उन्होंने कहा, ‘हम सोशल मीडिया की निगरानी कर रहे हैं ताकि देख सकें कि क्या कोई हिंसा को भड़काने या फेक न्यूज या नफरत भरे संदेश फैलाने में संलिप्त है. अभी तक हमने भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट के सिलसिले में 28 मामले दर्ज किए हैं.’

और पढ़े:Jharkhand Assembly Polls Result: यह मेरी हार पार्टी की नहीं: रघुवर दास

सरमा ने कहा कि पुलिस ने इन मामलों में दस लोगों को गिरफ्तार किया और पांच को जमानत पर रिहा कर दिया गया, जबकि शेष को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. मंत्री ने बताया, ‘हमने पाया कि इस तरह के 25 पोस्ट असम और भारत के बाहर से अपलोड किए गए. इनमें से तीन दुबई से थे. शेष की जांच चल रही है.’ पुलिस ने असम में नौ दिसम्बर से कुल 244 मामले दर्ज किए हैं और 393 लोगों को गिरफ्तार किया है. 

Source : Bhasha

Social Media assam caa
      
Advertisment