प्रतीकात्मक चित्र
पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों और बांग्लादेश में मंगलवार की दोपहर 5.7 तीव्रता का भूकंप आया। इससे त्रिपुरा में एक महिला की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। अधिकारी ने कहा कि दूसरे राज्यों से किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
त्रिपुरा आपदा प्रबंधन केंद्र के एक अधिकारी ने कहा त्रिपुरा के धलाई जिले में कमलिनी कांडा (50) की भूकंप के दौरान दहशत से दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। भूकंप के दौरान राज्य के अलग-अलग भागों में पांच अन्य लोग भी घायल हो गए।
अधिकारी ने कहा करीब 50 घरों को नुकसान पहुंचा है, कुछ बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। धलाई जिले के कई स्थानों पर भूस्खलन की खबर है। भूकंप की वजह से पेड़ों के उखड़ने से कई जगहों पर रास्ते जाम हो रहे हैं।
Kamalpur: Earthquake of 5.5 magnitude felt in Tripura today, one person dies due to panic, houses also damaged. pic.twitter.com/HPg65dLn53
— ANI (@ANI_news) January 3, 2017
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पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में दोपहर 2.39 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे लोगों में दहशत फैल गई। भूकंप का केंद्र उत्तरी त्रिपुरा के धलाई में 28 किमी गहराई में स्थित था। भूकंप की वजह से कुछ पुरानी इमारतों में दरारें आ गईं, जिनमें त्रिपुरा के धलाई जिले के कमालपुर और सालेमा के कुछ पुलिस थाने भी शामिल हैं।
ढाका की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में एक मध्यम 5.5 रिक्टर पैमाने पर तीव्रता वाला भूकंप आया। बांग्लादेश की ऑनलाइन समाचार एजेंसी बीडीन्यूज24 के मुताबिक, अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई, लेकिन भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि इसकी तीव्रता 5.7 थी। झटके चार से पांच सेकेंड रहे।
जानकारों का मानना है कि भारत का पहाड़ी पूर्वोत्तर भाग दुनिया के छह बड़े भूकंप की आशंका वाले क्षेत्रों में से है। इस इलाके में पहले भी कई बड़े भूकंप आ चुके हैं।
साल 1987 में शिलांग में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.2 रही। साल 1950 में असम में आए भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 8.7 मापी गई। इसने ब्रह्मपुत्र नदी को अपना रास्ता बदलने पर मजबूर कर दिया। साल 2011 में सिक्किम में आए भूकंप से राज्य को भारी नुकसान हुआ था।
Source : IANS