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पूर्वी कमांड के प्रमुख अनिल चौहान.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
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पूर्वी कमांड के प्रमुख अनिल चौहान.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून 2019 के विरोध को लेकर फैली हिंसा पर काबू पाया जा रहा है. स्थितियां तेजी से सामान्य हो रही हैं. ऐसे में असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में तैनात सेना हद से हद एक-दो दिन में वापस लौट जाएगी. यह बात पूर्वी कमांड के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने दी. फिलवक्त CAA के विरोध में असम समेत मेघालय औऱ कई अन्य पूर्वोत्तर राज्य हिंसा की चपेट में हैं. इन पर काबू पाने के लिए ऊपरी असम में सेना के 24 कॉलम, तो निचले असम में 12 कॉलम तैनात किए गए हैं. कानून व्यवस्था बरकरार रखने और स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सेना स्थानीय प्रशासन की मदद कर रही है.
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सबसे ज्यादा असम में सेना तैनात
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश होने के साथ ही असम धधक उठा था. राज्यसभा में विधेयक के पास होने और कानून बनने के बाद हिंसक घटनाओं में अचानक ही तेजी आ गई. हिंसा ने देखते ही देखते असम के कई अन्य जिलों समेत शिलांग और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया. इसके बाद असम समेत त्रिपुरा में सेना को तैनात किया गया. सेना की कुछ टुकड़ी को मेघालय में स्टैंड बाय मोड में रखा है. इस पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने बताया कि बीते तीन दिनों में असम समेत त्रिपुरा में सेना तैनात की गई थी. सेना की कई टुकड़ियों को मेघालय भी भेजा गया था, लेकिन वहां तैनात नहीं किया गया.
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एक-दिन में सेना की वापसी संभव
उन्होंने आगे बताया कि शनिवार तक ऊपरी असम में 24 और निचले असम में 12 कॉलम सेना भेजी गई थी. हालांकि इनमें से कुछ ही को तैनात किया गया था. बाकी कॉलम ने फ्लैग मार्च में हिस्सा लिया था. अब स्थितियां तेजी से सुधर रही हैं, तो एक-दो दिन में सेना को वापस बैरक में बुला लिया जाएगा. असम के कई जिलों में कर्फ्यू के साथ ही इंटरनेट प्रतिबंधों में भी ढील दी गई है. गौरतलब है कि सीएए के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए हिंदू, पारसी, ईसाई, बौद्ध, सिखों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान रखा गया है.
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Source : News Nation Bureau