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Assam assembly election 2021 : असम में आज आमने-सामने होंगे पीएम मोदी और राहुल गांधी 

Assam assembly election 2021 : असम में होने वाले विधानसभा चुनाव में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी आमने सामने होंगे. पीएम मोदी की छबुआ में जनसभा है तो वहीं राहुल गांधी कांग्रेस का मेनिफेस्टो जारी करेंगे.  

Updated on: 20 Mar 2021, 07:59 AM

highlights

  • असम की 126 सीटों पर विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चुनाव प्रचार का दौर तेज
  • पीएम मोदी असम के छबुआ में रैली करेंगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी मेनिफेस्टो जारी करेंगे
  • असम चुनाव में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल नागरिकता संशोधन कानून को बना रहे हैं मुद्दा

गुवाहाटी:

असम की 126 सीटों पर होने वाले विधानसभा की तैयारियां जोरों पर हैं. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी की असम में रैली है. पीएम मोदी असम के छबुआ में रैली को संबोधित करेंगे तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी पार्टी का घोषणापत्र जारी करेंगे. असम में इस बार कांग्रेस सहित विपक्षी दल सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून को मुद्दा बना सकती है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी दो दिन के असम दौरे पर हैं. राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि अगर असम में कांग्रेस की सरकार आती है तो किसी भी कीमत पर सीएए लागू नहीं होने देंगे. राहुल गांधी और पूरी असम कांग्रेस यूनिट सीएए को लेकर लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर हो रही है.

बीजेपी ने सीएए को मुद्दा मानने से किया इनकार
बीजेपी नेताओं का मानना है कि इस बार असम में सीएए का मुद्दा नहीं बनेगा. असम बीजेपी अध्यक्ष रंजीत कुमार दास से लेकर मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी दावा कर चुके हैं कि सीएए का मुद्दा नहीं होगा. असम सरकार में मंत्री और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले हिमंत बिस्वा शर्मा ने भी सीएए को चुनावी मुद्दा मानने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि बीजेपी सीएए लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.

असम में हुए थे हिंसक प्रदर्शन
बता दें कि 2019 में असम में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ था. असम में विरोध प्रदर्शन करने वालों में स्टूडेंट्स, किसान, और आम नागरिक समेत कई संगठन शामिल थे. यह विरोध प्रदर्शन इतना तेज था कि लोग रात में मशालें लेकर निकलते थे. प्रदर्शन के दौरान कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई थी.

इसलिए बीजेपी कर रही सीएए पर देरी
राजनीतिक एक्सपर्ट बताते हैं कि बंगाल चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने सीएए के नियमों को लागू करने में देरी कर दी है. दरअसल असम में 2019 के अगस्त महीने में जारी की गई एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जिन 19 लाख लोगों के नाम काट दिया गया था उनमें तकरीबन 12 लाख बंगाली हिंदू वोटर थे. तब ममता बनर्जी ने ममता बनर्जी ने बंगाली हिंदुओं के इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था. हाल ही में गृह मंत्रालय ने लोकसभा में जानकारी दी थी कि सीएए के संबंध में नियमों को लागू करने के लिए 9 अप्रैल, 2021 और 9 जुलाई, 2021 तक का समय दिया गया है.