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एशिया बन रहा है वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र : विदेश सचिव श्रृंगला

पब्लिक अफेयर्स ऑफ इंडिया के ‘कोविड बाद विश्व में भारत की विदेश नीति : नये खतरे, नये अवसर’ विषय पर डिजिटल माध्यम से अपने संबोधन में विदेश सचिव ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जिसमें वैश्विक राजनितिक केंद्र तेजी से बदल रहे हैं.

Updated on: 18 Jun 2021, 11:28 PM

दिल्ली :

विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा कि चीन के आर्थिक उदय ने भारत को भू-राजनीतिक स्तर पर केंद्रीय भूमिका में लाकर खड़ा कर दिया है. यह हमारा सबसे बड़ा पड़ोसी है जिसके साथ हम केवल सीमा और निकटता ही नहीं साझा करते हैं.  चीन के साथ भारत को सीमा पर रणनीतिक चुनौती का सामना करना पर रहा है. उन्होंने बताया कि भारत को पुराने भागीदारों और सहयोगियों के साथ और अधिक सहयोग बढ़ाने की जरुरत है. इसके साथ ही दुनिया के उभरती शक्तियों के साथसाझेदारी करने की जरुरत है. 

पब्लिक अफेयर्स ऑफ इंडिया के ‘कोविड बाद विश्व में भारत की विदेश नीति : नये खतरे, नये अवसर’ विषय पर डिजिटल माध्यम से अपने संबोधन में विदेश सचिव ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जिसमें वैश्विक राजनितिक केंद्र तेजी से बदल रहे हैं. सदियों में पहली बार एशिया वैश्विक अर्थव्यवस्था को चलाने लगा है. विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा कि तालिबान के हिंसा के माध्यम से सत्ता हासिल करने के लगातार प्रयासों के कारण अफगानिस्तान में अनिश्चितता का माहौल उत्पन्न हो गया है और देश में हालात अस्थिर है.

उन्होंने अपने संबोधन के दौरान अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान के सतत रूप से सत्ता हासिल के प्रयासों का उल्लेख किया. विदेश सचिव ने अफगानिस्तान में अनिश्चित स्थिति के संदर्भ में लक्षित हत्याएं और क्षेत्रीय आक्रामकता जैसे कारणों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि हिंसा के स्तर और कतर एवं अन्य स्थानों में जारी वार्ता के बावजूद उनके हिंसा के माध्यम से सत्ता हासिल करने के लगातार प्रयासों से माहौल अनिश्चित हो गया है. श्रृंगला ने कहा कि भारत हमेशा से शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर रहा है और उसने हमेशा संघर्षविराम की बात कही है. उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि वार्ता सरकार और तालिबान एवं अन्य के बीच होनी चाहिए और इस प्रक्रिया में सभी पड़ोसी देश शामिल हों.