पेगासस जासूसी लोकतंत्र की छवि खराब करने की कोशिश, कोई तथ्यात्मक आधार नहीं : अश्विनी वैष्णव

पेगासस जासूसी के कथित दावे को लेकर संसद के मानसून सत्र में आज आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा है कि हमारे कानूनों और मजबूत संस्थानों में जांच और संतुलन के साथ किसी भी प्रकार की अवैध निगरानी संभव नहीं है.

पेगासस जासूसी के कथित दावे को लेकर संसद के मानसून सत्र में आज आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा है कि हमारे कानूनों और मजबूत संस्थानों में जांच और संतुलन के साथ किसी भी प्रकार की अवैध निगरानी संभव नहीं है.

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Avinash Prabhakar
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VAISHAN

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव( Photo Credit : News Nation)

पेगासस जासूसी के कथित दावे को लेकर संसद के मानसून सत्र में आज आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार का पक्ष रखा. अश्विनी वैष्णव ने कहा 'कल रात एक वेबसाइट पर बहुत सनसनीखेज खबर प्रकाशित की गई. इस खबर में कई तरह के आरोप लगाए गए. मीडिया में यह खबर संसद के मानसून सत्र के प्रारंभ होने से एक दिन पहले आई है. यह महज संयोग नहीं हो सकता'. उन्होंने कहा है कि हमारे कानूनों और मजबूत संस्थानों में जांच और संतुलन के साथ किसी भी प्रकार की अवैध निगरानी संभव नहीं है. भारत में एक अच्छी तरह से स्थापित प्रक्रिया है जिसके माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक संचार का वैध तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. आईटी मंत्री ने कहा कि जब हम इस मुद्दे को तर्क के चश्मे से देखते हैं, तो यह स्पष्ट रूप से सामने आता है कि इस सनसनीखेज के पीछे कोई दम नहीं.

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आईटी मंत्री वैष्णव ने कहा कि पहले भी पेगासस के इस्तेमाल को लेकर इसी तरह के दावे किए गए थे. उन रिपोर्टों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और सुप्रीम कोर्ट सहित सभी पक्षों द्वारा स्पष्ट रूप से इनकार किया गया था. 18 जुलाई 2021 की प्रेस रिपोर्ट भी भारतीय लोकतंत्र और इसकी स्थापित संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश लगती है. आईटी मंत्री वैष्णव ने कहा कि इस खबर का आधार एक समूह है जिसने कथित तौर पर 50 हजार फोन नंबरों के लीक किए गए डेटा बेस को प्राप्‍त किया.

आरोप यह है कि इन फोन नंबरों से संबंधित व्‍यक्तियों पर निगरानी रखी जा रही थी. लेकिन रिपोर्ट यह कहती है कि डेटा बेस में फोन नंबर मिलने से यह सिद्ध नहीं होता है कि फोन पेगासस स्‍पाईवेयर से प्रभावित था या उस पर कोई साइबर हमला किया गया था. किसी भी फोन का तकनीकी विश्‍लेषण किए बगैर यह कह पाना कि उस पर किसी साइबर हमले का प्रयास सफल हुआ या नहीं, उचित नहीं होगा. इसलिए, यह रिपोर्ट स्‍वत: कहती है कि डेटा बेस में फोन नंबर का मिलना किसी प्रकार की निगरानी को सिद्ध नहीं करता है. 

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डेटा से ये साबित नहीं होता कि सर्विलांस हुआ है. उन्होंने कहा कि लीक हुए डेटा का जासूसी से कोई लेना देना नहीं है. फोन टैपिंग को लेकर सरकार का प्रोटोक़ल बेहद सख्त है और डेटा से ये साबित नहीं होता कि सर्विलांस किया गया है. आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बीती रात एक वेब पोर्टल पर एक सेंसेशनल खबर प्रकाशित की गई. खबर में कई बड़े आरोप लगाए गए. ये रिपोर्ट संसद के मानसून सत्र से महज़ एक दिन पहले आई, ये कोई संयोग नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि ये भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने की साज़िश है. उन्होंने साफ किया कि इस जासूसी कांड से सरकार का कोई लेना देना नहीं.

HIGHLIGHTS

  • लोकतंत्र की छवि खराब करने को सनसनी
  • कोई तथ्‍यात्‍मक आधार नहीं
  • डाटा गुमराह करने वाले
monsoon-session ashwini vaishnav IT Minister Ashwini Vaishnav पेगासस जासूसी Pegasus Spying आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव
      
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