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अशरफ ने पहले ही कर दी थी खुद को मारे जाने की भविष्यवाणी.( Photo Credit : न्यूज नेशन)
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अशरफ ने पहले ही कर दी थी खुद को मारे जाने की भविष्यवाणी.( Photo Credit : न्यूज नेशन)
गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक (Atiq) अहमद के भाई अशरफ (Ashraf) ने 28 मार्च को ही चेतावनी दी थी कि उसे दो सप्ताह के भीतर मार दिया जाएगा. अशरफ ने बरेली जेल (Bareilly Jail) लाए जाने पर एक अधिकारी का हवाला देते हुए संवाददाताओं से कहा था, 'किसी बहाने से दो हफ्ते बाद तुम्हें जेल से निकलेंगे और निपटा देंगे.' इस चेतावनी के बाद शनिवार 15 अप्रैल को अशरफ और अतीक अहमद (Atiq Murder) को मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकारों के रूप में आए तीन हमलावरों ने अधाधुंध गोलीबारी कर मौत के घाट उतार दिया. दोनों भाइयों को काल्विन अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लाया गया था, जहां वे पहले से मौजूद मीडिया के लोगों से बात कर रहे थे.
अशरफ ने दावा किया था कि धमकी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी
अशरफ ने यह भी कहा था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसके दर्द को समझते हैं, क्योंकि उसके खिलाफ फर्जी मामले भी दर्ज किए गए थे. उसने पुलिस वैन में बैठे संवाददाताओं से कहा, 'मुझ पर लगाए गए आरोप फर्जी हैं. मुख्यमंत्री मेरा दर्द समझते हैं ,क्योंकि उनके खिलाफ भी फर्जी मामले दर्ज किए गए थे.' अशरफ ने दावा किया था कि धमकी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी थी, जिसका नाम मुख्यमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश को भी बताया जाएगा.अशरफ ने कहा था, 'यह धमकी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी थी. मैं उनका नाम नहीं बता सकता, लेकिन अगर मुझे मार दिया गया तो बंद लिफाफे में उनका नाम मुख्यमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश के पास पहुंच जाएगा.'
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असद के बगल में दफनाया गया अतीक को
गौरतलब है कि अशरफ को बरेली जेल, जबकि अतीक को गुजरात की साबरमती जेल शिफ्ट किया गया था. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा उमेश पाल अपहरण मामले में दोनों भाइयों को दोषी ठहराया गया था. अदालत ने अतीक को अब मृतक उमेश पाल के अपहरण मामले में कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अतीक अहमद और अशरफ को उनके पैतृक गांव में दफनाया गया. उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अहमद के बेटे असद को भी शनिवार को उसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था, जो पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. अहमद को उसके बेटे की कब्र के ठीक बगल में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. कसारी-मसारी कब्रिस्तान अहमद के पैतृक गांव में स्थित है और उसके माता-पिता को भी वहीं दफनाया गया था.
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