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'पायलट को तो कॉर्पोरेट घरानों का समर्थन, लेकिन गहलोत साहब को हर रोज 12 लाख कौन दे रहा!'

होटल में कांग्रेसी विधायकों के रोजाना के ठहरने-खाने-पीने का खर्च 12 लाख रुपए आ रहा है. इसके अलावा दर्जनों फेरे लगाने वाली चार्टड फ्लाइट का खर्च अलग से है.

Updated on: 23 Jul 2020, 09:42 AM

highlights

  • होटल फेयरमोंट में रखे गए हैं गहलोत समर्थक विधायक.
  • हर रोज का खर्च आ रहा है 12 लाख रुपए के लगभग.
  • इसके अलावा चार्टड फ्लाइट का लाखों का खर्च अलग से.

नई दिल्ली:

राजस्थान में अपने ही डिप्टी रहे सचिन पायलट (Sachin Pilot) के खिलाफ 'निकम्मा' और 'नकारा' शब्दों का प्रयोग करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बीते दिनों यह आरोप लगाने से नहीं चूके थे कि उनकी सरकार गिराने के प्रयासों के पीछे मुंबई के कॉर्पोरेट घरानों का हाथ है. उन्होंने इसका आधार राजस्थान हाईकोर्ट में पायलट की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों की भारी-भरकम फीस को भी बनाया था. हालांकि उनके पास इस बात का जवाब नहीं है कि अपने खेमे के समर्थक विधायकों की पंच सितारा होटल में बाड़ेबंदी का खर्च कौन वहन कर रहा है. बताते हैं कि इस होटल में कांग्रेसी विधायकों के रोजाना के ठहरने-खाने-पीने का खर्च 12 लाख रुपए आ रहा है. इसके अलावा दर्जनों फेरे लगाने वाली चार्टड फ्लाइट का खर्च अलग से है.

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कॉर्पोरेट लॉबी पर लगाया था सरकार गिराने का आरोप
गौरतलब है कि पार्टी विधायक दल की बैठक से नदारत रहे पायलट खेमे के विधायकों को स्पीकर ने कारण बताओ नोटिस जारी कर रखा है. राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के बीच स्पीकर जोशी ने इसी मसले पर अनापेक्षित हस्तक्षेप की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है. इस पर पायलट खेमे ने भी खुद को पक्षकार बनाने यानी कैविएट दाखिल कर दी है. इसकी सुनवाई आज होनी है. इस बीच जयपुर में गहलोत समर्थकों कांग्रेसी विधायकों की बाड़ेबंदी एक पंच सितारा होटल में बरकरार है. फिलहाल गहलोत साहब वहीं से सरकार चला रहे हैं.

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अब तक डेढ़ से दो करोड़ खर्च
दिल्ली रोड स्थित फेयरमोंट होटल में मंत्री, विधायक व केंद्रीय संगठन के पदाधिकारी हैं. सुबह योगा से सरकार जागती है और रात को मनोरंजन के लिए विधायकों को फिल्म दिखाई जाती है. ब्रेकफास्ट, लंच, टी और डिनर सब कुछ होटल में ही हो रहा है. बताते हैं कि होटल फेयरमोंट में विधायकों के रहने पर 12 लाख रोजाना खर्च हो रहा है. गहलोत सरकार ने 120 कमरे बुक करवाए हैं. विधायक 109 बताए जा रहे हैं और शेष केंद्रीय नेतृत्व व गुप्त मंत्रणा के लिए अलग से मौजूद हैं. सारी जिम्मेदारी मुख्य सचेतक महेश जोशी के जिम्मे हैं. रोजाना अनुमानित 10 हजार एक कमरे का खर्च हैं, जिसमें सुबह की चाय, नींबू पानी, काढ़ा के साथ सुबह की शुरुआत होती है. इसके बाद ब्रेक फास्ट, लंच, हाई टी व डिनर भी शामिल हैं.

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कौन उठा रहा है खर्च
राज्य की जनता के बीच चटखारे लेकर यह सवाल पूछा जा रहा है कि अगर पायलट के वकीलों का खर्च मुंबई के कॉर्पोरेट घराने उठा रहे हैं, तो गहलोत के समर्थक विधायकों का होटल खर्च और केंद्रीय नेतृत्व के लिए दर्जनों फेरे लगाने वाली चार्टड फ्लाइट का खर्च कौन वहन कर रहा है. जाहिर सी बात है कि गहलोत-पायलट समर्थक अपने-अपने हिसाब से इन खर्चों की व्याख्या और वहन करने वालों की चर्चा कर रहे हैं. हालांकि इतना तय है कि इस सियासी उठा-पटक में राज्य के कामकाज पर विपरीत असर पड़ रहा है.