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उद्धव ठाकरे को अशोक चव्हाण ने याद दिलाया गठबंधन धर्म, कहा-कांग्रेस की बात भी सुनी जाए

उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा है. ऐसे में नीतिगत निर्णय (Policy Decisions) लेने के दौरान उसकी भी सुनी जानी चाहिए.

Updated on: 08 Dec 2019, 07:44 AM

highlights

  • महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने एक इंटरव्यू में कही बड़ी बात.
  • कहा-कांग्रेस को मुखर होने की जरूरत. निर्णय लेने में उसकी आवाज सुनी जाए.
  • विभागों के आवंटन पर कोई विवाद नहीं है. 70-80 प्रतिशत विभागों पर एक राय.

Mumbai:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में कांग्रेस-एनसीपी (Congress-NCP)के समर्थन से बनी उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) सरकार को लेकर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) ने एक बड़ी बात कह दी है. उन्होंने एक तरह से शिवसेना (Shivsena) को सलाह देते हुए उसे गठबंधन धर्म (Coalition Dharma) याद दिलाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा है. ऐसे में नीतिगत निर्णय (Policy Decisions) लेने के दौरान उसकी भी सुनी जानी चाहिए. यही नहीं, उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को आगाह करते हुए कहा कि पार्टी को और मुखर होने की जरूरत है.

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निर्णय में कांग्रेस की भी रजामंदी हो
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शनिवार को एक इंटरव्यू में कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाली तीनों पार्टियों के बीच संतुलन की जरूरत है. राज्य में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी सरकार में राकांपा और कांग्रेस सहयोगी हैं. तीनों राजनीतिक दलों ने मिलकर महाराष्ट्र विकास आघाडी गठबंधन बनाया है. ऐसे में कांग्रेस, राज्य में बनी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा है और निर्णय लेने के दौरान इसकी बात भी सुनी जानी चाहिए.

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कांग्रेस नीतिगत निर्णयों में और मुखर हो
न्यूनतम साझा कार्यक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ मसलों पर तीनों पार्टियां साथ आई हैं और देश के संविधान से बंधी हैं. इस पर कोई समझौता नहीं होगा. उनसे पूछा गया था कि क्या वह या पृथ्वीराज चव्हाण, ठाकरे नीत सरकार का हिस्सा होंगे. इस पर उन्होंने कहा कि इस पर निर्णय करना कांग्रेस नेतृत्व का विशेषाधिकार है. उन्होंने ने कहा, 'यह मेरे या पृथ्वीराज चव्हाण के बारे में नहीं है. पार्टी नेतृत्व को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संतुलन हो. कांग्रेस को मुखर होने की जरूरत है और निर्णय लेने में उसकी आवाज सुनी जानी चाहिए.'

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मंत्रालयों पर कोई विवाद नहीं
मंत्रालयों के आवंटन में विवाद के बारे में किए गए सवाल पर चव्हाण ने कहा, 'विभागों के आवंटन पर कोई विवाद नहीं है. 70-80 प्रतिशत विभागों पर एक राय है. कुछ विभागों को लेकर तीनों पार्टियों को लगता है यह उन्हें मिलना चाहिए. इसे हल करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है.' उन्होंने कहा कि सलाह-मशविरा चल रहा है और मंत्रालयों का आवंटन करने में कोई विवाद या देरी नहीं हो रही है.