रेप के आरोप में जेल में बंद कथित स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम पर बुधवार को जोधपुर की अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
फैसले के बाद हिंसा की आशंका को लेकर केंद्र सरकार ने तीन राज्यों राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का निर्देश दिया है साथ ही इन राज्यों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने को कहा गया है।
बता दें कि इन तीनों राज्यों में आसाराम के प्रशंसकों की संख्या काफी ज्यादा है।
गृह मंत्रालय ने तीनों राज्यों को कहा है कि फैसले के बाद किसी भी तरह की हिंसा नहीं होने दे और इसे पूरी तरह सुनिश्चित कर लें।
गृह मंत्रालय इन तीनों राज्यों के साथ संपर्क में भी है और केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने इस मुद्दे को लेकर शीर्ष स्तर के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से बातचीत की है।
आसाराम के खिलाफ जोधपुर सेंट्रल जेल में ही फैसला सुनाया जाएगा। जोधपुर शहर में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सीआरपीसी की धारा-144 लगा दी गई है।
जोधपुर कोर्ट ने मंगलवार को आसाराम केस के फैसले पर कवरेज को लेकर पत्रकारों के प्रवेश पर डाली गई याचिका को खारिज कर दिया।
जोधपुर के डीसीपी अमरिंदर सिंह कपूर ने कहा कि आसाराम पर फैसले पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सभी सावधानियां बरती गई हैं। हमें भरोसा है कि हम कानून व्यवस्था को सही तरीके से लागू करेंगे।
आसाराम के खिलाफ क्या है मामला:
जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम के खिलाफ दो यौन उत्पीड़न के केस दर्ज हैं। आसाराम के खिलाफ एक केस राजस्थान और दूसरा केस गुजरात में दर्ज किया गया था।
राजस्थान में दर्ज केस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की ने आसाराम के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पीड़िता का आरोप है कि आसाराम ने जोधपुर के पास मनाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाकर उससे अगस्त 2013 को दुष्कर्म किया था।
वहीं गुजरात में सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ अलग-अलग मामलों में रेप का केस दर्ज कराया था।
जोधपुर पुलिस ने 3 अगस्त 2013 को आसाराम को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में हैं।
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HIGHLIGHTS
- जोधपुर कोर्ट बुधवार को आसाराम पर सुनाएगी फैसला
- फैसले पर कवरेज को लेकर पत्रकारों के प्रवेश पर निषेध
- आसाराम के खिलाफ दो यौन उत्पीड़न के केस दर्ज हैं
Source : News Nation Bureau