ओवैसी ने मुस्लिम वोट बैंक को नकारा, कहा- अगर ऐसा है तो बाबरी और ज्ञानवापी में ये न होता
ऑल इंडिया अजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने बाबरी (Babri Masjid) और ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के नाम लेकर मुस्लिम कॉर्ड खेलने का प्रयास किया है
नई दिल्ली:
ऑल इंडिया अजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने बाबरी (Babri Masjid) और ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के नाम लेकर मुस्लिम कॉर्ड खेलने का प्रयास किया है. हैदराबाद में पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए औवैसी ने कहा भारत में कभी भी मुस्लिम वोट बैंक नहीं था अगर ऐसा होता तो जो बाबरी मस्जिद के साथ हुआ और जो आज ज्ञानवापी मस्जिद के साथ हो रहा है वह नहीं होता. इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में मुस्लिमों की कम संख्या को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय कभी भी देश के शासन को नहीं बदल पाएगा. अगर यह संभव होता तो बाबरी मस्जिद पर अदालत का जो आदेश आया वह कभी नहीं आता और अब हमारे सामने ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा सामने आ गया.
#WATCH | This country never had & will never have any Muslim vote bank...If we could change govt why such less Muslim representation in Indian Parliament? If we could change govt then instead of Babri Masjid... Now Gyanvapi issue has cropped up: AIMIM chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/g4tN2relHi
— ANI (@ANI) May 14, 2022
मुसलमानों को गुमराह किया गया
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी का कहना है कि मुस्लिमों को गुमराह किया जा रहा है. मुसलमान हमेशा से यही सोचता रहा है कि वह वोट बैंक है लेकिन भारत में कभी कोई मुस्लिम वोट बैंक नहीं था और न ही भविष्य में होगा. उन्होंने कहा कि भारत एक बहुसंख्यक वोट बैंक था और हमेशा रहेगा. उन्होंने पूछा कि अगर हम शासन बदल सकते तो फिर आज संसद में मुसलमानों की संख्या कम क्यों हैं. उन्होंने जनता से पूछा कि बताइए कब आखिरी बार गुजरात से मुस्लिम सांसद हुआ था.
ओवैसी इस दौरान कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और सपा पर भी निशाना साधा. उन्होंने तीनों ही पार्टियों पर मुसलमानों को धोखा देने का आरोप लगाया. गौरतलब है कि ओवैसी की मुस्लिम वोट बैंक को लेकर आई यह टिप्पणी वाराणसी की कोर्ट की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति को लेकर है. उन्होने कोर्ट के निर्णय को पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन करार दिया है.
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